ऋषिकुंड पर्यटक स्थल के रूप में होगा विकसित

रूपरेखा तय, शीघ्र भेजी जायेगी सरकार को रिपोर्ट पर्यटन विभाग के विशेषज्ञों के साथ जिलाधिकारी ने किया ऋषिकुंड क्षेत्र का मुआयना मुंगेर : बिंद पर्वत श्रृंखला की तलहटी में अवस्थित प्रसिद्ध स्थल ऋषिकुंड को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की पूरी रूपरेखा तय कर ली गयी है. यहां के पौराणिक धरोहरों को संरक्षित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 24, 2018 6:10 AM

रूपरेखा तय, शीघ्र भेजी जायेगी सरकार को रिपोर्ट

पर्यटन विभाग के विशेषज्ञों के साथ जिलाधिकारी ने किया ऋषिकुंड क्षेत्र का मुआयना
मुंगेर : बिंद पर्वत श्रृंखला की तलहटी में अवस्थित प्रसिद्ध स्थल ऋषिकुंड को पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की पूरी रूपरेखा तय कर ली गयी है. यहां के पौराणिक धरोहरों को संरक्षित रखते हुए इसका विकास किया जायेगा. इस संदर्भ में बुधवार को जिला पदाधिकारी आनंद शर्मा ने राज्य सरकार के पर्यटक विभाग के विशेषज्ञ टीम के साथ ऋषिकुंड प्रक्षेत्र का मुआयना किया और स्थल पर पूरी रूपरेखा तय की गयी.
जिलाधिकारी ने बताया कि ऋषिकुंड के मुख्य तालाब का सौंदर्यीकरण किया जायेगा और यहां वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था के साथ ही पर्यटकों के लिए कॉटेज बनाया जायेगा. ताकि यहां आने वाले पर्यटक को कोई असुविधा न हो. इसके साथ ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी पूरी व्यवस्था की जायेगी. इस संदर्भ में उन्होंने पर्यटन विभाग के टीम के साथ हर बिंदु की बारीकी से अवलोकन किया और पूरे प्रोजेक्ट पर सहमति व्यक्त की गयी. जिलाधिकारी ने बताया कि यहां के पुराने मंदिरों के साथ ही सभी पुरातात्विक चीजों को संरक्षित करते हुए विकसित करने की योजना है. उन्होंने बताया कि पूरी रिपोर्ट तैयार कर ली गयी है और इसे राज्य सरकार को भेजा जा रहा है. विदित हो कि बिंद पर्वत शृंखला की गोद में बसा ऋषिकुंड धार्मिक एवं पौराणिक महत्व के साथ-साथ एक बेहद खूबसूरत पर्यटन स्थल है. जहां कुदरत का अद्भुत नजारा देखने को मिलता है. ऋषिकुंड प्रकृति द्वारा दिया गया एक अमूल्य उपहार है. नयानाभिराम दृश्यों से युक्त एवं आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से भरपूर इस स्थल की मुख्य विशेषता इसके गर्म जल का स्त्रोत है. नववर्ष के आगमन के समय गर्म कुंडों का आनंद लेने के लिए पर्यटकों की भीड़ उमड़ने लगती है और लोग पिकनिक मनाने के लिए सैकड़ों लोग रोजाना पहुंचते हैं. जमालपुर-खड़गपुर पर्वतमालाओं के मध्य में अवस्थित ऋषिकुंड पर्वत की दरारों एवं छिद्रों से गर्म जल के अनगिनत बुलबुले निरंतर निकलते रहते हैं. कुंड के पूरे फैलाव से सटे पर्वत से निकलने वाले गर्म जल के वाष्प से समूचा क्षेत्र मेघ आच्छादित सा प्रतीत होता है जो पर्यटकों का मनमोह लेता है. ऋषिकुंड ऋषि मुनियों का साधना स्थल रहा है.

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