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पॉली बैग खतरनाक, भूमि व वायु को कर रहे प्रदूषित

मुंगेर : महापौर रूमा राज ने कहा कि पॉली बैग सिर्फ जनजीवन के लिए ही खतरनाक नहीं है, बल्कि यह भूमि एवं वायु को भी प्रदूषित कर रहा है. पॉलीथिन नाला जाम का सबसे बड़ा कारण भी है. निगम प्रशासन द्वारा पॉलीथिन मुक्त मुंगेर बनाने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं. वे मंगलवार […]

मुंगेर : महापौर रूमा राज ने कहा कि पॉली बैग सिर्फ जनजीवन के लिए ही खतरनाक नहीं है, बल्कि यह भूमि एवं वायु को भी प्रदूषित कर रहा है. पॉलीथिन नाला जाम का सबसे बड़ा कारण भी है. निगम प्रशासन द्वारा पॉलीथिन मुक्त मुंगेर बनाने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं. वे मंगलवार को दया सोसाइटी की ओर से पॉली बैग उन्मूलन को लेकर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते हुए कही.

डॉ कविता वर्णवाल ने कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर पर पिछले कई सालों से पॉली बैग का विरोध कर रही हूं. लेकिन यह पहला मौका है जब एक साथ सब लोग मिल-बैठ कर इस दिशा में प्रयासरत हैं. ये मुंगेर की स्वच्छता के लिए उत्साहवर्धक है. नागरिक मंच के महासचिव राजेश जैन ने कहा कि हम बदलाव तो चाहते है लेकिन नेतृत्वकर्ता खुद नहीं बनना चाहते है.
हम केवल डर से या फिर लिहाज से ही बदल सकते है. हम सभी संस्था के लोगों को एक मंच पर आकर प्रशासन से ये अपील करते हैं कि पॉलीथिन प्रयोग पर रोक लगाया जाये तो शायद प्रशासनिक दंड के भय से व्यवहार परिवर्तन हो सके. नीरज कुमार ने कहा कि पॉली बैग के रोक से ग्रामीण महिलाओं में रोजगार सृजन हो रहा है. दया सोसाइटी द्वारा ग्रामीण महिलाओं को कागज का ठोंगा बनाने का प्रशिक्षण दिया गया. जिसका परिणाम है कि पिछले तीन माह में महिलाओं ने 1165 किलो ठोंगा उत्पादित कर बाजार को उपलब्ध कराया. मौके पर स्वच्छ मुंगेर अग्रदूत की उपाधि से चार दुकानदारों को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया गया.
मौके पर सचिव अर्पण कुमार, अनुराधा, अनीता, ज्योति, सरोज कुमारी, मनोज कुमार, रंजीत कुमार, निखिल कुमार सहित अन्य मौजूद थे.
चार लाख कैसे मिलतै, यहां त बोल के लाशो जलवे ले पैसा नय देलकै
चार लाख तो दूर, अंत्येष्टि की भी नहीं मिली राशि
कूड़ा चुनने गयी शहर के 3 नंबर गुमटी रेलवे मैदान निवासी उमेश मांझी की पुत्री 15 वर्षीय बबीता कुमारी एवं सिंघेश्वर मांझी की पुत्री 12 वर्षीय पुत्री रेखा कुमारी की मौत बरियारपुर में गंगा में स्नान करने के दौरान हो गयी थी. पुलिस ने दोनों के शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया. उस समय अधिकारियों ने कहा था कि यह मामला आपदा से जुड़ा हुआ है. इसलिए आपदा राहत कोष से मृतक के परिजनों को चार-चार लाख रुपया दिया जायेगा.
साथ ही वार्ड पार्षद को कहा गया था कि कबीर अंत्येष्टि योजना के तहत दोनों परिवारों को तीन-तीन हजार रुपया दाह संस्कार के लिए दिया जाये. मृतक बबीता के पिता उमेश मांझी एवं रेखा की मां गीता देवी ने कहा कि चार-चार लाख रुपया देने की बात हुई थी. लेकिन कैसे यह राशि मिलेगा. इसका हमलोगों को कोई जानकारी नहीं है. कोई कुछ बताता नहीं है. लाश जलाने के लिए जब वार्ड पार्षद राधा घोष ने पैसा नहीं दिया तो कूड़ा जिसके पास बेचते हैं. उससे रुपये कर्ज लेकर हमलोगों ने बच्ची का दाह-संस्कार किया.

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