चार दिन बाद भी गंगा से नहीं निकला धीरज का शव
खोजने के नाम पर हुई खानापूर्ति बहन ने कहा, एसडीओ साहब खोजवा दीजिए शव, गांव छोड़कर चले जायेंगे तीनों भाई बहन मुंगेर : चार दिन बाद भी गंगा से धीरज के शव को बाहर नहीं निकाला जा सका. जबकि प्रशासनिक स्तर पर खोज भी बंद कर दी गयी है. परेशान धीरज की बहनों ने सोमवार […]
खोजने के नाम पर हुई खानापूर्ति
बहन ने कहा, एसडीओ साहब खोजवा दीजिए शव, गांव छोड़कर चले जायेंगे तीनों भाई बहन
मुंगेर : चार दिन बाद भी गंगा से धीरज के शव को बाहर नहीं निकाला जा सका. जबकि प्रशासनिक स्तर पर खोज भी बंद कर दी गयी है. परेशान धीरज की बहनों ने सोमवार को एसडीओ खगेश चंद्र झा के पास पहुंची और कहा कि मेरे भाई का शव खोजवा दीजिए, हमलोग गांव छोड़ कर चले जायेंगे. वैसे भी घर में रहेंगे तो वे लोग हम भाई-बहनों को भी मार देगा. इधर शव नहीं मिलने से तीनों भाई-बहनों का रो-रो कर बुरा हाल है.
शव खोजवा दीजिए, गांव छोड़ कर चले जायेंगे: ज्योति कुमारी एवं सोनम कुमार सोमवार को एसपी कार्यालय गयी. लेकिन एसपी नहीं थे. जिसके बाद दोनों बहन एसडीओ खगेश चंद्र झा के पास गयी. उसने बताया कि उसके पिता हरिशचंद्र महतो, मां अनीता देवी, बहन जूली कुमारी एवं चाचा राजेश महतो को न्यायालय से आजीवन कारावास की सजा सुनायी हुई है और सभी जेल में बंद है. मेरा भाई घर में था तो डर नहीं था. भाई को उनलोगों ने गंगा में फेंक कर मार डाला.
लेकिन शव आजतक नहीं मिला है. एसडीओ साहब मेरे भाई का शव खोजवा दिजिए. अंतिम संस्कार कर घर छोड़ कर चले जायेंगे. क्योंकि वे लोग हम तीनों भाई-बहनों को जिंदा नहीं छोड़ेगा. ज्योति ने बताया कि एसडीओ साहब ने कहा कि गंगा में उफान है और धारा भी तेज है. हमलोगों ने शव को खोजवाने का प्रयास किया. लगता है तेज धार में शव बह गया होगा.