डेढ़ घंटे देर से जीओडी में पहुंचे डॉक्टर मरीजों को झेलनी पड़ी परेशानी
मुंगेर : स्वास्थ्य विभाग मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा के नाम पर भले ही करोड़ों रुपये खर्च कर दें. किंतु चिकित्सकों की मनमानी पर लगाम लगा पाने में पूरी तरह से विफल साबित हो रही है. सदर अस्पताल में चिकित्सकों के विलंब से पहुंचने तथा समय से पहले ड्यूटी पोस्ट को छोड़ देने की […]
मुंगेर : स्वास्थ्य विभाग मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा के नाम पर भले ही करोड़ों रुपये खर्च कर दें. किंतु चिकित्सकों की मनमानी पर लगाम लगा पाने में पूरी तरह से विफल साबित हो रही है. सदर अस्पताल में चिकित्सकों के विलंब से पहुंचने तथा समय से पहले ड्यूटी पोस्ट को छोड़ देने की परंपरा बन गयी है.
सोमवार को भी सदर अस्पताल के जेनरल आउटडोर सेवा में चिकित्सकों की लापरवाही के कारण रोगियों को डेढ़ घंटे से अधिक समय तक इलाज के लिए लाइन में खड़े-खड़े इंतजार करना पड़ा. चिकित्सकों के लापरवाही पर रोक लगाने में यहां के अधिकारी भी पूरी तरह से विफल साबित हो रहे हैं. जिसका खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.
डेढ़ घंटे लेट से पहुंचे चिकित्सक: सदर अस्पताल में आउटडोर सेवा का समय सुबह 8:30 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक है. इसके अनुसार सोमवार को दूर-दराज से आये मरीज जीओपीडी में पर्ची कटवा कर सुबह 8 बजे से ही लाइन में खड़े हो गये थे.
काफी देर तक जब चिकित्सक जीओपीडी नहीं पहुंचे तो कई महिला तथा वृद्ध मरीज खड़े-खड़े थक जाने के कारण फर्श पर ही बैठ कर इंतजार करने लगे. कई मरीज को चिकित्सक के नहीं पहुंचने से हो-हंगामा भी करने लगे.
हंगामा होने की खबर सुन कर एक चिकित्सक सुबह 10 बजे अपने ड्यूटी पोस्ट पर पहुंचे. किंतु दूसरे चिकित्सक की कुर्सी ओपीडी के दौरान पूरा समय खाली ही रहा. जिसके कारण मरीजों की भीड़ काफी बढ़ जाने से ऊहापोह की स्थिति बनी रही तथा ओपीडी का समय खत्म हो जाने के कारण कई मरीजों को बिना इलाज कराये ही वापस घर लौट जाना पड़ा.
मरीज होते हैं परेशान
काफी विलंब से जीओपीडी की सेवा आरंभ होने के कारण मरीज काफी आक्रोशित नजर आ रहे थे. सीताकुंड निवासी सुनंदा देवी ने कहा कि वह समय से पहले ही इस उद्देश्य से अस्पताल पहुंच गयी कि उसे भीड़ में इलाज के लिए अधिक समय तक इंतजार न करना पड़े और न ही अधिक समय तक भूखा रहना पड़े. किंतु चिकित्सक के मनमानी के कारण उन्हें बिना वजह डेढ़ घंटे से भी अधिक समय तक चिकित्सक के इंतजार में बैठना पड़ा.
शंकरपुर निवासी रुपेश यादव ने बताया कि चिकित्सक की यह मनमानी प्रतिदिन का है, यहां के अधिकारियों ने भी शायद चिकित्सकों को छूट दे रखी है. जिसके कारण चिकित्सकों के मनमाने रवैया में कोई सुधार नहीं हो रहा है. चंडीस्थान निवासी वृद्ध गोपाल प्रसाद ने कहा कि यहां के चिकित्सक जानबूझ कर मरीजों को परेशान करते हैं, ताकि मरीज यहां की लचर व्यवस्था को देख स्वत: ही निजी क्लिनिक में इलाज कराने चले जायें.
कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक : अस्पताल उपाधीक्षक डॉ सुधीर कुमार ने कहा कि डॉ रमण कुमार ड्यूटी पर अपने निर्धारित समय पर ही पहुंचे थे. किंतु वे पहले राउंड पर चले गये. जिसके कारण ओपीडी में पहुंचने में उन्हें थोड़ी विलंब हुई होगी. जबकि डॉ राजीव की तबीयत खराब हो गयी है, जिसके कारण वे सोमवार को ड्यूटी पर नहीं पहुंच पाये.