AK-47 : गिरफ्तार तस्करों को सजा दिलाने में भीड़ गयी एनआइए और मुंगेर पुलिस
मुंगेर : बिहार में एके-47 मामले में गिरफ्तार तस्करों को जहां सजा दिलाने के लिए एनआइए एवं मुंगेर पुलिस ने न्यायिक प्रक्रिया को पूरा करने का कार्य तेज कर दिया है और एक-एक मामले में दोनों जांच एजेंसी ने 20 तस्करों के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया है. वहीं मुंगेर पुलिस मुफस्सिल थाना कांड संख्या […]
मुंगेर : बिहार में एके-47 मामले में गिरफ्तार तस्करों को जहां सजा दिलाने के लिए एनआइए एवं मुंगेर पुलिस ने न्यायिक प्रक्रिया को पूरा करने का कार्य तेज कर दिया है और एक-एक मामले में दोनों जांच एजेंसी ने 20 तस्करों के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया है. वहीं मुंगेर पुलिस मुफस्सिल थाना कांड संख्या 334/18 में पुन: दो दर्जन तस्करों के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित करने की तैयारी पूरी कर चुकी है. इधर, जांच को आगे बढ़ाने के लिए मुंगेर पुलिस ने एनआइए अदालत में कराये गये सेना के अधिकारी एवं तस्करों के 164 के बयान की प्रति मांगी है, वहीं सीओडी जबलपुर के इंचार्ज को पत्र भेज कर वर्ष 2005 से अब तक के एके-47 सिरिज हथियारों के आर्सनल नंबर की मांग की है.
सोमवार को आरोप पत्र समर्पित करने की संभावना
बताया जाता है कि फोरेसिंक लोबरेट्री पटना से हथियारों की जांच कर जैसे-जैसे रिपोर्ट आ रही है. वैसे ही उस कांड के नामजद एवं अप्राथमिक अभियुक्तों के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित करने का सिलसिला जारी है. ताकि तस्करों को सजा दिलायी जा सके. सर्वप्रथम जमालपुर में पकड़े गये तीन एके-47 हथियार की रिपोर्ट आयी. जिसमें मुंगेर पुलिस ने 14 आरोपितों के खिलाफ न्यायालय में चार्जसीट दाखिल किया. जबकि, शमशेर और उसकी बहन के पास पकड़े गये तीन एके-47 की रिपोर्ट आते ही एनआइए ने अपनी अदालत में छह तस्करों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया. क्योंकि इस मामले में मुफस्सिल थाना में कांड संख्या 323/18 दर्ज हुआ था. लेकिन वह कांड एनआइए के सौंप दिया गया था.
इधर, तीसरे मामले में आमना खातुन के घर के पास जमीन के अंदर से दो एके-47 हथियार और छह मैगजीन बरामद हुआ था. उसमें मुफस्सिल थाना में कांड संख्या 334/18 दर्ज किया गया. इन दोनों एके-47 हथियारों की रिपोर्ट भी पटना से मुंगेर पुलिस को मिल गयी है. माना जा रहा है कि सोमवार को आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित कर दिया जायेगा.
एक हथियार पर अलग-अलग है आर्सनल नंबर
सूत्रों की माने तो अब तक मुंगेर में बरामद आठ एके-47 हथियारों की जांच की गयी है. एक हथियार में चार जगह आर्सनल नंबर रहता है जो सभी एक ही नंबर का होता है. लेकिन जिन आठ हथियारों का आर्सनल नंबर का मिलान किया गया है. उसमें छह एके-47 हथियार का आर्सनल नंबर अलग-अलग है. लेकिन हथियार सेना को आपूर्ति होने वाला हथियार ही है. जिसकी पुष्टि जांच में की गयी है.
एनआइए न्यायालय में इस मामले में गिरफ्तार सेना के अधिकारी ने जो अपना बयान दर्ज कराया है. उसमें कहा है कि हथियार का अलग-अलग पार्ट सीओडी जबलपुर से निकाल कर रखा जाता है. जिसके बाद बड़े वाहनों से उसे बाहर निकाल कर उसे एसेबंल कर मुंगेर में आपूर्ति कर देता था. कहा जा रहा है कि यह पुष्टि हो गया है कि सभी हथियार रसिया से भारत को सप्लाई किया गया था. जो भारतीय सेना को दिया जाता है.
कहते हैं अनुसंधानकर्ता पदाधिकारी
एके-47 मामले में दर्ज कांडों के अनुसंधानकर्ता एएसपी हरिशंकर कुमार ने कहा कि सीओडी जबलपुर से वर्ष 2005 से अब तक के एके सिरिज के हथियारों का डिटेल की मांग की गयी है. इसे लेकर वहां पत्र भेजा गया है. जबकि एनआइए अदालत से भी तस्करों के कराये गये 164 के बयान की कॉपी के लिए अर्जी दी गयी है. ताकि अनुसंधान को आगे बढ़ाया जा सके.
एनआइए डीएसपी ने एएसपी से की मुलाकात
एनआइए डीएसपी शनिवार को मुंगेर पहुंचे. जो एएसपी हरिशंकर कुमार से उनके कार्यालय कक्ष में मुलाकात की. लगभग दो घंटे तक दोनों के बीच बातचीत हुई. विदित हो कि मुंगेर में एके-47 मामले में दर्ज कांडों के अनुसंधानकर्ता है. जबकि एक कांड का अनुसंधानकर्ता एनआइए डीएसपी हैं. माना जा रहा है कि एके-47 मामले के अनुसंधान को गति देने के लिए दोनों के बीच गंभीर चर्चा हुई. जबकि, एक-दूसरे को सहयोग करने पर भी सहमति बनी है. ताकि आरोपियों को सजा दिलाया जा सके.