बंध्याकरण के बगैर लौटीं 10 महिलाएं

मुंगेर. सदर अस्पताल में सोमवार को सिविल सर्जन व अस्पताल उपाधीक्षक के घेराव के चक्कर में सिजेरियन प्रसव तथा बंध्याकरण का कार्य बाधित रहा. वह तो ऊपर वाले का शुक्र है कि मरीजों के साथ किसी प्रकार की अनहोनी नहीं हुई, वरना सदर अस्पताल में एक दूसरा ही माहौल उत्पन्न हो जाता. हलिमपुर निवासी मृत्युंजय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 2, 2019 6:27 AM

मुंगेर. सदर अस्पताल में सोमवार को सिविल सर्जन व अस्पताल उपाधीक्षक के घेराव के चक्कर में सिजेरियन प्रसव तथा बंध्याकरण का कार्य बाधित रहा. वह तो ऊपर वाले का शुक्र है कि मरीजों के साथ किसी प्रकार की अनहोनी नहीं हुई, वरना सदर अस्पताल में एक दूसरा ही माहौल उत्पन्न हो जाता.

हलिमपुर निवासी मृत्युंजय कुमार ने अपनी पत्नी चंदा कुमारी को प्रसव के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया था, जिसे चिकित्सक ने कहा कि उसका सिजेरियन प्रसव किया जायेगा. चंदा को सिजेरियन प्रसव के लिए सुबह 11 बजे ही ऑपरेशन थियेटर में प्रवेश करा कर उसे मूर्छित भी कर दिया गया था, अब सिर्फ उसका ऑपरेशन किया जाना था.
इसी बीच स्टाफ नर्स व स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सिविल सर्जन डॉ पुरुषोत्तम कुमार तथा अस्पताल उपाधीक्षक डॉ सुधीर कुमार का घेराव कर दिया. इसके कारण डॉ सुधीर कुमार घेराव में फंस गये.
उधर चंदा के पति को जब यह पता चला की उसकी पत्नी ओटी में मूर्छित पड़ी हुई है और उसका प्रसव कार्य जिस चिकित्सक व स्टाफ नर्स द्वारा किया जाना था, वे सभी घेराव में फंसे हुए हैं. तब मृत्युंजय व उसके परिजन किसी अनहोनी की आशंका को लेकर परेशान होने लगे और अस्पताल उपाधीक्षक के पास पहुंचे.
परिजनों के आग्रह पर डॉ निर्मला गुप्ता को सिजेरियन प्रसव के लिए बुलाया गया, तब जाकर महिला का प्रसव हो पाया.
इसी तरह एमटीपी सेंटर में सोमवार को कुल 10 महिलाओं का बंध्याकरण किया जाना था. इसको लेकर नौवागढ़ी की रूबी कुमारी, संजो देवी, शिवलोक अड़गड़ा रोड निवासी संगीता देवी, हसनगंज निवासी स्वीटी देवी, तौफिर निवासी अनुजा देवी, घोरघट निवासी काजल देवी सहित अन्य महिलाएं सुबह आठ बजे ही एमटीपी सेंटर पहुंच गयी. सभी 10 महिला को ऑपरेशन से पूर्व दिये जाने वाले इंजेक्शन व इंट्राकेट लगा कर प्रतीक्षा के लिए बैठा दिया गया.
वहीं एमटीपी सेंटर की सभी स्टाफ नर्स उन महिला को छोड़ सिविल सर्जन व डीएस का घेराव करने चली गयी. घेराव खत्म होने के बाद दोपहर तीन बजे महिलाओं का बंध्याकरण शुरू किया गया. इस दौरान सभी महिलाएं भूखी-प्यासी इंतजार में बैठी रही.

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