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स्वास्थ्य कर्मियों ने सीएस-डीएस का किया घेराव बाधित रहा सिजेरियन प्रसव अौर बंध्याकरण

मुंगेर : यूं तो सदर अस्पताल के स्टाफ नर्स तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों का छह माह का वेतन लंबित पड़ा हुआ है. इसमें से दो महीने के वेतन का बिल बना कर रविवार को ट्रेजरी भेजा गया, पर लिपिक की लापरवाही के कारण बिल ट्रेजरी में ही फंसा रह गया और वेतन का भुगतान नहीं […]

मुंगेर : यूं तो सदर अस्पताल के स्टाफ नर्स तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों का छह माह का वेतन लंबित पड़ा हुआ है. इसमें से दो महीने के वेतन का बिल बना कर रविवार को ट्रेजरी भेजा गया, पर लिपिक की लापरवाही के कारण बिल ट्रेजरी में ही फंसा रह गया और वेतन का भुगतान नहीं हो पाया.

इसे लेकर स्टाफ नर्स तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सोमवार को सिविल सर्जन डॉ पुरुषोत्तम कुमार तथा अस्पताल उपाधीक्षक डॉ सुधीर कुमार का घेराव कर अपना रोष व्यक्त किया.
लगभग दो घंटे के बाद किसी तरह से स्टाफ नर्स तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों को समझा-बुझा कर शांत किया गया. साथ ही सिविल सर्जन ने उपाधीक्षक कार्यालय के लिपिक को कड़ी फटकार लगाते हुए स्टाफ नर्स तथा स्वास्थ्य कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि जल्द ही सबों को तत्काल एक महीने का वेतन निर्गत किया जायेगा.
शेष लंबित वेतन का भुगतान भी कम से कम समय में करने की कोशिश की जायेगी. इसके बाद सभी स्वास्थ्य कर्मी काम पर लौटे. इस दौरान सिजेरियन प्रसव व बंध्याकरण कार्य पूरी तरह से ठप रहा. मरीजों व उसके परिजनों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
स्वास्थ्य कर्मियों ने सीएस-डीएस का किया घेराव: स्वास्थ्य कर्मचारियों ने आक्रोशित होकर सोमवार को सिविल सर्जन तथा अस्पताल उपाधीक्षक के अस्पताल पहुंचते ही उनका घेराव किया. घेराव का नेतृत्व जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के जिला सचिव उमेश कुमार कर रहे थे.
उन्होंने सिविल सर्जन से कहा कि 2018 के फरवरी, नवंबर, दिसंबर व 2019 के जनवरी, फरवरी व मार्च महीने का वेतन लंबित पड़ा हुआ है. इस संबंध में पिछले कई महीने से अस्पताल उपाधीक्षक तथा सिविल सर्जन को पत्र भी लिखा जा रहा था. बावजूद आवंटन प्राप्त होने के बाद भी स्वास्थ्य कर्मियों के वेतन का भुगतान नहीं किया गया.
यदि ऐसा ही चलता रहेगा तो फिर स्वास्थ्य कर्मी कैसे अपने परिवार का भरन-पोषण कर पायेंगे और कैसे अपने बच्चों को तालीम दिलवा पायेंगे. पिछले कई महीने से अस्पताल उपाधीक्षक के लिपिक जानबूझ कर आवंटन प्राप्त होने के बावजूद उनलोगों के वेतन का भुगतान नहीं कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में कोई भी बेफिक्र हो कर अपनी सेवा कैसे दे पायेंगे.
सीएस से मिला आश्वासन, काम पर लौटे स्वास्थ्यकर्मी
वेतन की मांग को लेकर स्टाफ नर्स व स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उपाधीक्षक कार्यालय में लगभग दो घंटे तक काफी हो-हंगामा किया. वे लोग सिविल सर्जन तथा अस्पताल उपाधीक्षक के किसी भी बात को मानने को तैयारी नहीं हो रहे थे.
उनलोगों का सिर्फ एक ही कहना था कि बिना किसी सफाई के लंबित वेतनों का भुगतान किया जाये. वेतन का भुगतान नहीं किया गया तो वे लोग काम पर नहीं लौटेंगे.
सिविल सर्जन ने सर्वप्रथम अस्पताल उपाधीक्षक के लिपिक को कड़ी फटकार लगायी. साथ ही स्वास्थ्य कर्मचारियों को आश्वासन दिया कि अब कितना भी हो-हंगामा कर लेने से पुरानी गलतियों को सुधारा नहीं जा सकता.
बच्चों की पढ़ाई में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं हो. इसके लिए अप्लाय फॉर के तहत सभी स्टाफ नर्स व स्वास्थ्य कर्मचारियों को तत्काल एक महीने के वेतन का भुगतान किया जा सकता है. शेष लंबित वेतन के भुगतान के लिए सरकारी पेच के कारण फिलहाल कुछ दिन और इंतजार करना होगा. इसके बाद सभी स्टाफ नर्स तथा स्वास्थ्य कर्मचारी अपने-अपने काम पर लौट गये.

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