खनपुर एपीएचसी पहुंचे सीएस चिकित्सक नदारद, स्पष्टीकरण
असरगंज : सिविल सर्जन लगातार विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण कर रहे हैं. बावजूद कुछ लापरवाह चिकित्सक तथा कर्मी अपने कार्यशैली में सुधार लाने को तैयारी नहीं है. सिविल सर्जन ने बुधवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र असरगंज व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लखनपुर का निरीक्षण किया. इस दौरान […]
असरगंज : सिविल सर्जन लगातार विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण कर रहे हैं. बावजूद कुछ लापरवाह चिकित्सक तथा कर्मी अपने कार्यशैली में सुधार लाने को तैयारी नहीं है.
सिविल सर्जन ने बुधवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र असरगंज व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लखनपुर का निरीक्षण किया. इस दौरान लखनपुर एपीएचसी के चिकित्सक अनुपस्थित पाये गये. सिविल सर्जन ने चिकित्सक से स्पष्टीकरण पूछा है.
ड्यूटी के दौरान चिकित्सक थे अनुपस्थित: सिविल सर्जन डॉ पुरुषोत्तम कुमार बुधवार को दोपहर 12:30 बजे अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लखनपुर पहुंचे. जहां एक स्टाफ नर्स ड्यूटी पर मौजूद थी, किंतु चिकित्सक डॉ अनूप कुमार ड्यूटी पर नहीं थे. इसे लेकर सिविल सर्जन ने गहरी नाराजगी जतायी.
उन्होंने कहा कि चिकित्सक हो या अन्य कर्मी अपने ड्यूटी के साथ बेईमानी करने वालों को वे किसी भी सूरत में नहीं बख्सेंगे. सरकार चिकित्सक को मरीजों की सेवा के लिए वेतन देती है. ऐसे में यदि चिकित्सक अपनी सेवा के प्रति जवाबदेह नहीं होंगे, तो उनके साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जा सकता है. उन्होंने डॉ अनूप कुमार से स्पष्टीकरण मांगा है. जवाब संतोषप्रद नहीं होने पर आगे की कार्रवाई की जायेगी.
असरगंज पीएचसी का होगा जीर्णोद्धार : लखनपुर एपीएचसी का निरीक्षण करने के उपरांत सिविल सर्जन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र असरगंज पहुंचे. वहां पर सभी चिकित्सक तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मी अपने-अपने ड्यूटी पर तैनात पाये गये. सिविल सर्जन ने पीएचसी के विभिन्न विभागों का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएचसी का भवन अत्यंत जर्जर हो गया है, ऐसे जर्जर भवन में पीएचसी का संचालन किया जाना खतरनाक है.
उन्होंने कहा कि भवन के जीर्णोद्धार के लिए जल्द ही बीएमआइसीएल को पत्र लिखा जायेगा. उन्होंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बलराम सिंह को निर्देश दिया कि जिस तरफ भवन अधिक जर्जर है, उस तरफ मरीजों का आवागमन न रखा जाये.