अवैध निर्माण से लोगों की जान का खतरा

मुंगेर : नगर निगम क्षेत्र में नियमों को ताक पर रख कर मनमाने तरीके से बिना वैध नक्शा के भवन का निर्माण किया जा रहा है. पिछले पांच वर्षों के दौरान मुंगेर शहर में हजारों मकानों का निर्माण हुआ. लेकिन नगर निगम से मात्र 1029 नक्शे ही पास हुए हैं. वहीं नगर निगम के मुताबिक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2019 6:04 AM

मुंगेर : नगर निगम क्षेत्र में नियमों को ताक पर रख कर मनमाने तरीके से बिना वैध नक्शा के भवन का निर्माण किया जा रहा है. पिछले पांच वर्षों के दौरान मुंगेर शहर में हजारों मकानों का निर्माण हुआ. लेकिन नगर निगम से मात्र 1029 नक्शे ही पास हुए हैं. वहीं नगर निगम के मुताबिक वर्ष 2017 में केवल 67 मकान ही शहर में बनाये गये हैं. जिनका नक्शा पास कराया गया है.

मुंगेर शहर में मकान निर्माण के लिए कोई भी मानaमाने तरीके से अपने-अपने घरों का निर्माण कर रहे हैं. जिसके कारण अब शहर के कई मुहल्लों में गली-नाली तक की समस्याएं उत्पन्न होने लगी है.
वहीं पानी का निकास बाधित होने से जहां लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं विकास योजना का कार्यान्वयन भी प्रभावित हो रहा है.
एक ओर शहर की आबादी लगातार बढ़ती जा रही है. लोग कृषि भूमि में मकान बनाना शुरू कर चुके हैं वहीं बिना नक्शा के मकान बनने से सड़क व नाली की स्थित खराब है. नगर निगम के अधिकारी भी इसके प्रति गंभीर नहीं हैं.
कई लोग शहर में बहुमंजिला मकान बनाये हुए हैं, जिसे मकान में जाने के लिए सीढ़ी की आवश्यकता होती है तो वे मकान के आगे सीढ़ी के लिए जमीन छोड़ने तो नहीं, किंतु गली वाले हिस्से में ही सीढ़ी का निर्माण कर लेते हैं, जिसके कारण धीरे-धीरे गली काफी संकीर्ण होती जा रही है.
शहरी क्षेत्र में मकान बनाने के पूर्व नक्शा पास कराना अनिवार्य : नगर विकास एवं आवास विभाग ने 2014 से प्रत्येक नगर निगम को निर्देश दिया था कि शहरी क्षेत्र में मकान बनाने के पूर्व नक्शा पास कराना अनिवार्य है.
लेकिन निगम की लचर कार्यप्रणाली के कारण यह कारगर नहीं हो पा रहा और लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे. जिसके कारण लोग अपने अनुसार मकान का निर्माण कर रहे हैं. पिछले पांच वर्षों के दौरान मुंगेर शहर में हजारों मकानों का निर्माण हुआ होगा.
लेकिन नगर निगम से मात्र 1029 नक्शे ही पास हुए हैं. वहीं नगर निगम के मुताबिक वर्ष 2017 में केवल 67 मकान ही शहर में बनाये गये हैं. जिनका नक्शा पास कराया गया है. बताया जाता है कि एक बार जो नक्शा पास होता है उसके निर्माण की अवधि तीन वर्ष होती है.
यदि इस दौरान मकान नहीं बना तो एक वर्ष का एक्सटेंशन देने का प्रावधान है. वहीं 2017-18 के नगर निगम वार्षिक बजट बैठक में भी शहर में बनाये जा रहे मकानों के लिये नियम तय किया गया था. जिसमें कहा गया था कि निगम क्षेत्र में जितने भी मकान बनेंगे उसमें एलपीसी (भू स्वामित्व प्रमाण पत्र) देना अनिवार्य होगा.
शहर में मकान बनाने के नियम
शहरी क्षेत्रों में मकान बनाने के लिये कुछ विशेष नियम बनाये गये हैं. जिसमें मकान बनाने के पहले अधिकृत आर्किटेक्ट या अभियंता से मकान का नक्शा बनवाना होता है और उस नक्शे को नगर निगम से पास कराना अनिवार्य है. मकान के चारों ओर एक-एक फीट जमीन छोड़ना होता है. साथ ही पानी के निकास के लिए निर्धारित नाले के तरफ होना चाहिए.
मकान की ऊंचाई भी धरातल पर सामान्य से अधिक नहीं होनी चाहिए. मकान में मंजिलों की संख्या का निर्धारण भी जमीन के हिसाब से नगर निगम से पास करवाना पड़ता है. साथ ही भूकंप से बचाव के लिये आस-पास बने घरों से एक निश्चित दूरी भी तय की गयी है.
कहते हैं उपनगर आयुक्त
उपनगर आयुक्त श्यामनंदन प्रसाद ने कहा कि मुंगेर बाजार में खासमहाल की जमीनों की संख्या अधिक है. जिस पर कार्रवाई करने का अधिकार जिला प्रशासन के पास होता है. इस मामले में नगर निगम कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकती है.
वहीं खासमहाल के जमीनों के अतिरिक्त रैयती जमीनों पर बिना नक्शा पास कराये मकान निर्माण कराने के संबंध में अगर कोई शिकायत आती है तो उसपर नगर निगम द्वारा विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी.

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