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दो वाटर प्यूरीफायर के सहारे बुझायी जा रही मरीजों की प्यास

मुंगेर : इन दिनों सदर अस्पताल में मरीजों को न सिर्फ शुद्ध पेयजल के लिए खासे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि विभिन्न वार्डों में पंखे खराब रहने के कारण मरीजों को गरमी के इस मौसम में व्याकुलता से निजात नहीं मिल पा रहा है. मरीजों को हो रही इन परेशानियों के बावजूद […]

मुंगेर : इन दिनों सदर अस्पताल में मरीजों को न सिर्फ शुद्ध पेयजल के लिए खासे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि विभिन्न वार्डों में पंखे खराब रहने के कारण मरीजों को गरमी के इस मौसम में व्याकुलता से निजात नहीं मिल पा रहा है. मरीजों को हो रही इन परेशानियों के बावजूद अस्पताल प्रबंधन मौन पड़ी हुई है.

हाल यह है कि मरीजों को प्यास बुझाने के लिए बाजार से बोतल बंद तथा गरमी से निजात पाने के लिए हाथ वाला पंखा खरीद कर मंगवाना पड़ रहा है.
मरीजों को पेयजल की हो रही किल्लत
सदर अस्पताल में मरीजों तथा उनके परिजनों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराये जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन द्वारा प्रत्येक वार्ड में वाटर प्यूरीफायर मशीन लगाया गया था. किंतु कई वार्डों में महीनों से वाटर प्यूरीफायर मशीन खराब पड़ा हुआ है. जिसके कारण इस भीषण गरमी में मरीज तथा उनके परिजनों को खासे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
मालूम हो कि सदर अस्पताल के पुरुष विभाग में सिर्फ डॉक्टर ड्यूटी रूम के समीप एक वाटर प्यूरीफार मशीन लगा हुआ है. उसी के भरोसे न सिर्फ इमरजेंसी वार्ड में इलाज कराने वाले मरीज व उसके परिजन प्यास बुझाते हैं, बल्कि पुरुष सर्जिकल वार्ड, पुरुष मेडिकल वार्ड, आईसुलेशन वार्ड तथा कैदी वार्ड के मरीजों को अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है.
वहीं महिला विभाग में ब्लड बैंक के पास लगाये गये वाटर प्यूरीफायर मशीन के भरोसे प्रसव केंद्र, महिला सर्जिकल वार्ड, महिला मेडिकल वार्ड, विशेष, महिला आपोडी वार्ड तथा शिशु वार्ड मरीजों को अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है.
बोतलबंद पानी से बूझ रही महिला मरीजों की प्यास
सदर अस्पताल के पुरुष मेडिकल वार्ड तथा आईसुलेशन वार्ड के बीच में अल्ट्रासाउंड विभाग है. जहां प्रतिदिन 40-50 महिलाओं का अल्ट्रासाउंड किया जाता है. मरीजों के साथ उनके परिजन भी रहते हैं.
अल्ट्रासाउंड जांच के पूर्व मरीजों को काफी मात्रा में पानी पीने को कहा जाता है. किंतु वहां पर वाटर प्यूरीफायर की व्यवस्था नहीं होने के कारण मरीजों को बाहर से बोतलबंद पानी खरीद कर पीना पड़ता है.
वहीं एमटीपी सेंटर के समीप भी एक लगाया गया वाटर प्यूरीफायर मशीन महीनों से खराब पड़ा हुआ है. जिसके कारण वहां पर बंध्याकरण कराने तथा गर्भपात कराने को पहुंचने वाले मरीज तथा उनके परिजनों को खरीद कर ही पानी पीना पड़ता है.
विभिन्न वार्डों में खराब पड़े हैं पंखे
सदर अस्पताल के महिला विभाग स्थित महिला मेडिकल वार्ड में जहां तीन पंखे खराब पड़े हुए हैं, वहीं शिशु वार्ड में भी चार पंखे खराब पड़े हुए हैं. जिासके कारण मरीजों को इस भीषण गरमी में खासे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
संदलपुर निवासी मरीज सविता देवी ने बताया एक तो वह पहले से बीमार चल रही है, उपर से जिस बेड पर उसे दिया गया है, उसके उपर लगा पंखा भी खराब पड़ा हुआ है. जिसके कारण काफी परेशानी हो रही है. वहीं शिशु वार्ड में सारोबाग निवासी महिला चंदा देवी ने बताया कि पंखा खराब रहने के कारण उसे बाजार से हाथ वाला पंखा खरीद कर लाना पड़ा.
कहते हैं सीएस
सिविल सर्जन डॉ पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि इस भीषण गरमी में ही हाल में सभी वार्डों में पेयजल की व्यवस्था किया जाना है. पूर्व से खराब पड़े वाटर प्यूरीफायर मशीन व पंखों को किसी कारण से अब तक मरम्मत नहीं करवाया गया है. इसका जांच कर दोषी पर कार्रवाई की जायेगी.

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