मुंगेर (तारापुर) : बिहार के मुंगेर में तारापुर के जदयू के पूर्व विधायक नीता चौधरी को मंगलवार को अश्रुपूर्ण नेत्रों से अंतिम विदाई दी गयी. तारापुर के कमरगामा स्थित उनके पैतृक आवास पर कई सांसद व विधायक ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित किया और शव यात्रा में लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा. जब तक सूरज चांद रहेगा नीता तेरा नाम रहेगा के नारों के बीच शहीद स्मारक पर प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें अंतिम विदाई दी. दोपहर बाद सुल्तानगंज स्थित गंगा तट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया.
नीता चौधरी का पार्थिव शरीर देर रात उनके पैतृक आवास कमरगामा लाया गया. प्रात: 09:30 बजे आम लोगों के अंतिम दर्शन के लिए आवास पर पार्थिव शरीर को रखा गया. जहां लोगों ने अपने प्रिय नेत्री की अंतिम विदाई दी. उनके आवास पर जदयू के बांका के सांसद गिरधारी यादव एवं पूर्णिया के सांसद संतोष कुशवाहा ने जहां उन्हें पुष्पचक्र अर्पित कर नमन किया.
वहीं राज्य सरकार के पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी, पूर्व विधायक गणेश पासवान सहित बड़ी संख्या में भाजपा, जदयू, कांग्रेस, लोजपा व राजद के नेताओं ने अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित की. शवयात्रा कमरगामा से निकल कर तारापुर के प्रसिद्ध शहीद स्मारक पर ले जाया गया जहां तारापुर के अनुमंडल पदाधिकारी उपेंद्र सिंह ने पुष्प चक्र अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि दी. यहां कमल जायसवाल, समाजसेवी दिनेश सिंह, जदयू नेत्री रेखा सिंह चौहान, लोजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष मिथिलेश कुमार सिंह, भाजपा की साधना झा, जदयू के जिला महासचिव गोरेलाल मंडल, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष कुमार प्रणय, कांग्रेस के आशुतोष सिंह, कृष्ण कुमार, मो. जावेद, मो. पप्पू ऐजाज, दुर्गेश सिंह सहित सैकड़ों लोगों ने श्रद्धांजलि दी.
फफक-फफक कर रो पड़े विधायक मेवालाल
शव यात्रा आरंभ करने के पूर्व जब तारापुर के जदयू विधायक मेवालाल चौधरी अपनी धर्मपत्नी नीता चौधरी को पुष्प अर्पित करने आये तो पुष्प अर्पित करते-करते वे फफक-फफक कर रो पड़े. विधायक को हिम्मत बढ़ाने के लिए उनके बड़े पुत्र रवि प्रकाश ने संभाला. तब तक उनके सहयोगी रहे चन्द्रशेखर चौधरी भी उन्हे हिम्मत देने का काम किया. विधायक को रोते देख परिवार के हर सदस्य की आंखे नम हो गयी. घर वाले कहने लगे कि मेवालाल की कवच की भांति नीता थी और मेवालाल के हर समस्या का समाधान भी नीता ही थी.
शवयात्रा शुरू होते ही परिजनों की आंखें हुई नम
अमेरिका एवं ऑस्ट्रेलिया से मां की दुर्घटना की खबर सुनते ही दिल्ली पहुंचे दोनों पुत्र, पुत्रवधू एवं पोता व पोती जब नीता चौधरी को पुष्प अर्पित कर रहे थे तो अपने आप को रोने से रोक नहीं पाये. बड़े पुत्र रवि प्रकाश एवं मुकुल भास्कर के चेहरे से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वे माता के प्यार से सदा के लिए वंचित हो गये हैं. अपने आदर्श नीता चौधरी को पुष्पांजलि अर्पित करते-करते उनके बड़े पुत्र रवि प्रकाश, छोटे पुत्र मुकुल भास्कर एवं पुत्र बधु शीतल प्रकाश तथा वर्षा भास्कर भाव विहवल होकर रोने लगे. वहीं नीता चौधरी की बड़ी गोतनी जो नीता चौधरी को अपनी छोटी बहन से भी ज्यादा प्यार करती थी फफक-फफक कर रोती हुई कहती थी आहा नीता चल्ले गलो हो अबे केकरा हम्मे नीता नीता कहिके बुलईबे…
पुष्पांजलि के पश्चात अपनी मां नीता चौधरी को कंधा देते ही दोनों भाई तथा भतीजा रिंकु चौधरी एवं निलेश चौधरी फुट फुटकर रोने लगे. मेवालाल चौधरी के बड़े भाई अम्बिका चौधरी एक कोने में बैठकर आंसू बहा रहे थे. जबकि छोटा भाई डब्लु चौधरी हर गम को अपने अंदर समेटे हर कार्य को अंतिम रुप देने में लगा था.
सांसद संतोष कुशवाहा ने कहा कि नीता चौधरी एक प्रखर समाजसेवी एवं दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ काम करने वाली नेत्री थी. जिनके पास कोई भी कार्य नकारात्मक नहीं था. वे सदैव समाज के लिए चिंतित रहती थी. वहींसांसद गिरधारी यादव ने कहा, नीता चौधरी अपने सरल एवं हंसमुख स्वभाव के कारण सबकी प्रिय थी और उन्हें जो भी जिम्मेदारी पार्टी या किसी स्तर पर मिलती थी उसे ससमय पूरा करती थी. इनके निधन से जदयू को ही नहीं बल्कि तारापुरवासियों को अपूर्णीय क्षति हुई है. उधर, पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी ने कहा, हमने अपने परिवार के एक सदस्य को खोया है. चुनाव हारने के बाद भी हर मोर्चा पर अपनी हंसमुख स्वभाव के कारण वह छेड़ती रहती थी. नीता चौधरी के मौत से समाज ने एक बेहतर समाजसेवी को खो दिया है.