संग्रामपुर : विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का अब 9 दिन शेष रह गया है. जैसे-जैसे मेला अपने समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे कांवरियों का उत्साह परवान चढ़ते जा रहा है.
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ढोल-नगाड़े की थाप पर उत्साहित कांवरिये बढ़ते जा रहे आगे, पंक्चर बम ले रहे वाहनों का सहारा
संग्रामपुर : विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का अब 9 दिन शेष रह गया है. जैसे-जैसे मेला अपने समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे कांवरियों का उत्साह परवान चढ़ते जा रहा है. कड़ी धूप के बावजूद भी कांवरियों का आस्था चरम पर है. बारिश होते ही कच्ची कांवरिया पथ पर अचानक कांवरियों की भीड़ उमड़ […]
कड़ी धूप के बावजूद भी कांवरियों का आस्था चरम पर है. बारिश होते ही कच्ची कांवरिया पथ पर अचानक कांवरियों की भीड़ उमड़ पड़ती है. कई कांवरिया हिम्मत हार कर बीच रास्ते में ही वाहन पकड़ने को विवश हो रहे हैं.
विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का मंगलवार को 21वां दिन पूरा हो गया. सुबह से ही धूप काफी तेज थी, इस धूप से बचने लिए कांवरिया होटल या पेड़ की छांव में विश्राम करने को विवश थे.
कांवरिया पथ पर दोपहर तक भीड़ अपेक्षाकृत काफी कम नजर आ रही थी. दोपहर बाद करीब 2:00 बजे के बाद अचानक मौसम ने अंगड़ाई ली. आसमान में बादल छा गये और इस बीच रूक-रूक कर सावन के रिमझिम फुहारों से कांवरिया पथ का मौसम काफी सुहावना हो गया.
मौसम में आये इस बदलाव से कांवरिया पथ पर विश्राम कर रहे कांवरियों के थके चेहरों पर एक नई आभा लौट आई. वे एकबारगी दोगुने उत्साह के साथ बोल बम का जयकारा लगाते हुए कच्ची पथ पर निकल पड़े और पूरा मार्ग गुलजार हो उठा.
सरकारी स्वास्थ्य शिविरों में कांवरियों का हो रहा इलाज
दोपहर करीब 1 बजे प्रखंड क्षेत्र सीमा के प्रारंभ में लोढ़िया महावीर मंदिर के समीप स्थापित अस्थाई सरकारी स्वास्थ्य शिविर के समीप तेज धूप से परेशान कुछ कांवरिया विश्राम कर रहे थे.
कुछ कांवरिया स्वास्थ्य शिविर में चिकित्सक डॉ उमाकांत प्रसाद से अपनी बिमारी एवं जख्मी पैर का इलाज करा रहे थे. स्वास्थ्य शिविर में अपना इलाज करा रहे पोठिया किशनगंज के मुकुल सिंह ने बताया वे 21 की संख्या में अपने गांव से कांवर यात्रा पर निकले हैं.
उनके साथ उनकी पत्नी और 4 वर्ष की एक बेटी भी शामिल है. अभी तक कांवर यात्रा के दौरान रास्ते में कोई कठिनाई नहीं हुई है. उनके 4 वर्षीय बेटी रंजू सिंह के पेट में दर्द के साथ उल्टी भी हुई है. यहां स्वास्थ्य शिविर में मौजूद डॉक्टर ने बच्ची को सुई के साथ दवा दी है. अभी आराम है, थोड़ी देर रुक कर ही आगे की यात्रा प्रारंभ करेंगे.
ढोल नगाड़े के साथ यात्रा में शामिल हुए कांवरिया. लौढ़िया महावीर मंदिर से आगे सासाराम की एक टोली कांवर यात्रा कर रही थी. उनमें शामिल बच्चे डफली लेकर बोल बम का नारा लगाते आगे बढ़ रहे थे. ठीक उनके पीछे-पीछे पटना की एक टोली पूरे गाजे-बाजे और ढोल-नगाड़े के साथ नाचते गाते कांवर यात्रा कर रहे थे.
टोली में शामिल शैलेश कुमार चौधरी, मनजीत चौरसिया, राजा राम प्रसाद व उमाशंकर झा ने बताया कि वे लोग पिछले 5 वर्षों से लगातार कांवर यात्रा करते आ रहे हैं. इस बार सभी दोस्तों ने यह निर्णय लिया कि थकान मिटाने के लिए अगर गीत और संगीत का सहारा लिया जाए तो कांवर यात्रा का आनंद दोगुना हो जाएगा. दोस्तों के साथ वास्तव में यह यात्रा आनंददाई साबित हो रही है.
सुविधा में किया जाये विस्तार. खैरा मोड़ से कुछ पहले एकबार फिर बारिश काफी तेज हो गई. बारिश से बचने के लिए कांवरिया पथ किनारे के एक होटल में विश्राम कर रहे इलाहाबाद के नारायण दत्त शुक्ल एवं रामाश्रय द्विवेदी ने बताया कि वे लोग 15 वर्षों से कांवर यात्रा करते आ रहे हैं.
इस वर्ष सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधा संतोषजनक है. उन्होंने कहा कि स्थानीय दुकानदार धूप के कारण दिन के समय में भी विश्राम करने के लिए चौकी पर बैठने के एवज में ₹50 रुपये की मांग करते हैं. अगर दुकान से कुछ खरीदारी नहीं की तो वे सीधे दुकान से उठकर चले जाने की बात करते हैं.
उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि सरकार द्वारा कांवरिया पथ पर और सुविधा बढ़ाये जाने की आवश्यकता है. उन्होंने कांवरिया पथ पर हर एक किलोमीटर की दूरी पर यात्री पड़ाव, साफ-सुथरा शौचालय के साथ-साथ शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने का सुझाव दिया.
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