सर्पदंश के शिकार बच्चे की 10 घंटे होती रही झाड़-फूंक, गयी जान

मुंगेर : आज के आधुनिक युग में भी कई ऐसे लोग हैं. जो किसी बीमारी या सांप काटने पर इलाज के बजाय झाड़-फूंक जैसे अंधविश्वासों के चक्कर में पड़ कर जान गंवा देते हैं. मंगलवार को कुछ ऐसा ही मामला मुंगेर सदर अस्पताल में देखने को मिला. जब एक गरीब व मजदूर माता-पिता झाड़-फूंक के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 19, 2019 7:54 AM

मुंगेर : आज के आधुनिक युग में भी कई ऐसे लोग हैं. जो किसी बीमारी या सांप काटने पर इलाज के बजाय झाड़-फूंक जैसे अंधविश्वासों के चक्कर में पड़ कर जान गंवा देते हैं. मंगलवार को कुछ ऐसा ही मामला मुंगेर सदर अस्पताल में देखने को मिला. जब एक गरीब व मजदूर माता-पिता झाड़-फूंक के चक्कर में पड़कर अपने इकलौते पुत्र की जान से हाथ धो बैठे.

मामला लखीसराय जिले के अभयपुर पीड़ी बाजार थाने के मसूदन गांव की हैं. जहां मजदूरी का काम करने वाले व्यास दास के 10 वर्षीय पुत्र शिवनंदन को सोमवार की देर रात 12 बजे शौच करने के दौरान सांप ने काट लिया.
जिसे उसके माता-पिता द्वारा इलाज के लिये अस्पताल न ले जाकर लोगों के कहने पर पास के गांव बेनीपुर स्थित महारानी स्थान झाड़-फूंक करवाने लेकर चले गये. जहां सुबह के 10 बजे तक बच्चे का झाड़-फूंक चलता रहा. लेकिन 10 घंटे बीत जाने पर भी बच्चे की स्थिति में सुधार नहीं होने पर लोगों ने व्यास दास को बच्चे को इलाज के लिये अस्पताल ले जाने को कहा.
जिसके बाद व्यास दास अपने पुत्र शिवनंदन को गंभीर हालत में घरहरा पीएससी ले गया. जहां बच्चे की गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों द्वारा मुंगेर सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. जहां इलाज के दौरान शिवनंदन की मौत हो गयी.
पुत्र की मौत से मां का रो-रो कर था बुरा हाल
मृत बच्चे के पिता व्यास दास ने बताया कि वह अनपढ़ है और मजदूरी का काम करता है. उसे जैसा लोगों ने बताया उसने वैसा ही किया. उसने बताया कि उसे चार बेटी पर इकलौते पुत्र शिवनंदन था. वहीं एक बेटी की मृत्यु पूर्व में हो चुकी है. जबकि आज सांप काटने और अंधविश्वास के चक्कर में पड़कर मैंने अपने इकलौते पुत्र को भी गंवा दिया. वहीं पुत्र की मौत से शिवनंदन की मां का रो-रो कर बुरा हाल था.

Next Article

Exit mobile version