बाढ़ के बाद बारिश ने बढ़ायी परेशानी, खुले में हैं पीड़ित, आज से घट सकता है जल-स्तर
मुंगेर : पिछले 24 घंटे से गंगा का जल-स्तर 39.57 मीटर पर स्थिर है. गंगा के उपरी हिस्सों में जहां हर जगहों पर जल-स्तर में कमी होने लगी है, वहीं शुक्रवार से मुंगेर में भी जल-स्तर में कमी होने की संभावना है. हालांकि जिले में बाढ़ का कहर अभी जारी है़ गंगा का जल-स्तर खतरा […]
मुंगेर : पिछले 24 घंटे से गंगा का जल-स्तर 39.57 मीटर पर स्थिर है. गंगा के उपरी हिस्सों में जहां हर जगहों पर जल-स्तर में कमी होने लगी है, वहीं शुक्रवार से मुंगेर में भी जल-स्तर में कमी होने की संभावना है. हालांकि जिले में बाढ़ का कहर अभी जारी है़ गंगा का जल-स्तर खतरा निशान से 24 मीटर उपर ही बह रही है.
अब तक आधा दर्जन प्रखंडों के कुल 18 पंचायतों में बाढ़ के पानी ने आम जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर रखा है. वहीं अब बारिश ने भी बाढ़ पीड़ितों की परेशानी को दोगुना कर दिया है. बाढ़ ने तो लोगों को पहले से ही प्रभावित कर रखा है, अब लगातार हो रही रिमझिम बारिश ने पीड़ित परिवारों को काफी मुश्किल में डाल दिया है. प्रकृति के इस दोहरे मार से पीड़ित परिवार पूरी तरह से त्रस्त हैं.
जल-स्तर स्थिर, बाढ़ का कहर अब भी जारी: पिछले 8 दिनों से गंगा के जल-स्तर में लगातार बढ़ोतरी होने के बाद आखिरकार गुरुवार को जल-स्तर स्थिर हो गया. किंतु अब भी गंगा का जल-स्तर डेंजर लेवल से 24 मीटर ऊपर बह रहा है. जिसके कारण बाढ़ का कहर अभी थमा नहीं है. केंद्रीय जल आयोग से मिली रिपोर्ट के अनुसार चार दिन पूर्व से ही जहां इलाहाबाद व बनारस में गंगा के जल-स्तर में कमी आना शुरु हो चुका था,
वहीं बुधवार से पटना तथा गुरुवार से हाथीदह में भी गंगा का जल-स्तर घटने लगा है. पूरी संभावना है कि शुक्रवार से यहां के जल-स्तर में भी कमी होना शुरू हो जायेगा. हालांकि अब भी बाढ़ का कहर जारी है और दर्जनों गांव अब भी जलमग्न है़ बाढ़ में फंसे लोगों को पानी में ही दिन गुजारना पड़ रहा है़
दोहरी मार झेल रहे बाढ़ पीड़ित परिवार: बाढ़ से विस्थापित होकर सैकड़ों परिवार प्रशासनिक स्तर पर बनाये गये राहत शिविरों में शरण लिये हुए है. किंतु बाकी के पीड़ित परिवार अब भी अपने गांव में बाढ़ के पानी के बीच जिंदगी की तलाश कर कर रहे हैं.
प्रकृति के दोहरे मार से पीड़ित परिवार पूरी तरह त्रस्त हो चुके हैं. एक तो गंगा मैया ने पीड़ितों से उनका घर छीन लिया है, वहीं अब लगातार हो रही रिमझिम बारिश के कारण पीड़ित परिवार खुले आसमान के नीचे भी रहने की स्थिति में नहीं हैं.
मालूम हो कि सैकड़ों पीड़ित परिवार राष्ट्रीय उच्च पथ पर शरण लिये हुए हैं तथा कई लोग अपने गांव में ही घरों के छप्पर व मचान पर बैठ कर किसी तरह से समय काट रहे हैं. किंतु बारिश होने की स्थिति में नीचे से ऊपर तक पानी ही पानी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. प्रकृति के इस दोहरे मार से पीड़ित परिवारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
सड़कों पर जमा पानी बढ़ा रही परेशानी: वैसे तो बुधवार से ही राष्ट्रीय उच्च पथ 80 पर कल्याणपुर के समीप बाढ़ का पानी बहने लगा है. जबकि कई जगहों पर पूर्व से ही दर्जनों गांवों सहित शहरी क्षेत्रों में भी सड़क पर बाढ़ का पानी जमा हुआ है़ नौवागढ़ी-चड़ौन पथ से रामगढ़, खरबा व मनियारचक गांव जाने वाले पथ पर अब भी घुटने भर से ऊपर बाढ़ का पानी बह रहा है़
किंतु मजबूरी के कारण लोगों को सड़क पर बह रहे पानी में होकर ही गुजरना पड़ रहा है, जिससे राहगीरों को काफी परेशानी हो रही है़ वहीं नगर निगम क्षेत्र में छोटी केलाबाड़ी स्थित वैसे मोहल्ले जहां की सड़कें गहरी है, वहां बाढ़ का पानी जमा हो गया है़ इससे वहां के स्थानीय लोगों को भी पानी में घुस कर ही आवागमन करना पड़ रहा है.
विभिन्न स्थानों पर गंगा का जल-स्तर
स्थान जल-स्तर
मुंगेर 39.57 मीटर
भागलपुर 34.25 मीटर
कहलगांव 32.04 मीटर
साहेबगंज 28.27 मीटर
फरक्का 23.76 मीटर
डीएम ने बाढ़ पीड़ितों का लिया जायजा खाद्य सामग्री वितरण का दिया निर्देश
मुंगेर : जिला पदाधिकारी राजेश मीणा ने गुरुवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मिले. इस दौरान वे शरण स्थली जिला स्कूल, नौवागढ़ी, बरियारपुर होते हुए घोरघट तक गये और जल-स्तर की स्थिति का अवलोकनकिया.
जिला पदाधिकारी ने जिला स्कूल में सफाई व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए सदर अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देश दिया. साथ ही विस्थापित बाढ़ पीड़ितों से भी अनुरोध किया कि अपने आस-पास गंदगी न फैलायें बल्कि साफ-सफाई रखें. जिलाधिकारी ने नौवागढ़ी, कल्याण टोला, पैरूमंडल होते हुए घोरघट में बाढ़ पीड़ितों से बातचीत की.
जिलाधिकारी ने अंचलाधिकारी और अनुमंडल पदाधिकारी को निर्देश दिया कि वहां जल स्तर को देखते हुए आवश्ख्यकतानुसार एसओपी के अनुरूप राहत शिविर लगायें तथा खाद्य सामग्री का वितरण करे. निरीक्षण के दौरान अपर समाहर्ता विद्यानंद सिंह, जिला पंचायत राज पदाधिकारी सियाराम सिंह, आपदा प्रभारी रतन, सदर अनुमंडल पदाधिकारी खगेश चंद्र झा मौजूद थे.