आफत की बारिश: 48 साल बाद मां चंडिका के मंदिर में होगा ऐसा कि….

मुंगेर : बाढ़ का पानी शक्तिपीठ चंडिका स्थान में प्रवेश करने के कारण 48 वर्षों बाद इस वर्ष श्रद्धालु नवरात्र के अवसर पर मां चंडिका की पूजा से पूरी तरह वंचित रहेंगे. बाढ़ का पानी मां चंडिका के गर्भगृह में भर जाने के कारण मंदिर के मुख्य द्वार को सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 29, 2019 7:32 AM

मुंगेर : बाढ़ का पानी शक्तिपीठ चंडिका स्थान में प्रवेश करने के कारण 48 वर्षों बाद इस वर्ष श्रद्धालु नवरात्र के अवसर पर मां चंडिका की पूजा से पूरी तरह वंचित रहेंगे. बाढ़ का पानी मां चंडिका के गर्भगृह में भर जाने के कारण मंदिर के मुख्य द्वार को सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया गया है. बताया जाता है सन 1971 में जिले में आयी भीषण बाढ़ के कारण नवरात्र में भक्त मां चंडिका की पूजा नहीं कर पाये थे.

जबकि वर्ष 2012 में श्रद्धालुओं को नवरात्र के अवसर पर 9 दिनों तक कमर भर पानी में मां की पूजा करनी पड़ी थी. हलांकि नवरात्र को लेकर प्रशासन द्वारा मंदिर के मुख्य द्वार पर ही श्रद्धालुओं को जल डालने की व्यवस्था की गयी है. लेकिन श्रद्धालु मां के गर्भगृह में जाकर पूजा नहीं कर पायेंगे.

नवरात्र में लगती है श्रद्धालुओं की भीड़
नवरात्र के शुभ अवसर पर चंडिका स्थान में नौ दिनों तक बहुत ही अद‍्भुत नजारा होता है. मां चंडिका की पूजा के लिये श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है. इसके लिये श्रद्धालु रात 12 बजे से ही गंगा में स्नान कर जल लेकर मां चंडिका की पूजा के लिये पहुंचने लगते हैं. यह सिलसिला पूरे नौ दिनों तक चलते रहता है. इस दौरान पूरे चंडिका स्थान के रास्ते में प्रसाद की कई दुकानें सजती हैं. नवरात्र के मौके पर मां चंडिका की पूजा का विशेष महत्व होता है. नवरात्र के दौरान चंडिका स्थान में उमड़ने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ के नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन को भी विशेष निगरानी रखनी पड़ती है.

-1971 में आये भीषण बाढ़ में नवरात्र में मां चंडिका की पूजा से वंचित रहे थे श्रद्धालु

-2011 के बाढ़ में नवरात्र में कमर तक पानी में श्रद्धालुओं ने की थी मां की पूजा

Next Article

Exit mobile version