मुंगेर : बिहार लोकल बॉडीज इंप्लाइज फेडरेशन व बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर निगम के सफाई कर्मी मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. जिसके कारण बुधवार को भी निगम कार्यालय के मुख्य द्वार पर ताला लगा रहा.
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सफाईकर्मियों की हड़ताल से शहर में 200 टन कूड़ा हो चुका है जमा, फैल रही दुर्गंध
मुंगेर : बिहार लोकल बॉडीज इंप्लाइज फेडरेशन व बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर निगम के सफाई कर्मी मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. जिसके कारण बुधवार को भी निगम कार्यालय के मुख्य द्वार पर ताला लगा रहा. सफाई कर्मी अपनी मांगों को लेकर दूसरे दिन भी हड़ताल पर डटे […]
सफाई कर्मी अपनी मांगों को लेकर दूसरे दिन भी हड़ताल पर डटे रहे. जबकि सफाइकर्मियों के हड़ताल को तोड़वाने के लिए निगम कार्यालय के बाहर मेयर तथा वार्ड पार्षदों के बीच बैठकों का दौर चलता रहा. लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकल पाया.
सफाइकर्मियों के इस हड़ताल से शहर में जगह-जगह पर कूड़े का अम्बार लग गया है, जिससे शहर की स्थिति नारकीय हो गयी है. इतना ही नहीं निगम कार्यालय में तालाबंदी कर दिये जाने के कारण ई-म्युनिसिपल से संबंधित सभी कार्य ठप हो गया है. जिससे शहरवासियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
दूसरे दिन भी हड़ताल पर डटे रहे सफाई कर्मी: अपनी मांगों को लेकर नगर निगम के सफाई कर्मी दूसरे दिन बुधवार को भी हड़ताल पर डटे रहे. सफाइकर्मियों ने नगर निगम कार्यालय के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर दिया. जिसके कारण निगम के अधिकारी, मेयर, वार्ड पार्षद तथा शहरवासी निगम कार्यालय नहीं पहुंच पाये.
गौरतलब है कि निगम कर्मी छठा वेतनमान की मांग के साथ ही दैनिक मजदूरी 425 रुपये प्रतिदिन किए जाने, सफाई मजदूरों के पीएफ की राशि उनके खाते में जमा करने, सेवानिवृत्त कर्मियों का सभी बकाया एक मुश्त भुगतान करने, पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने, सार्वजनिक छुट्टी के दिन काम करने के बदले ओवर टाइम का भुगतान किये जाने, कर्मियों के आश्रितों को अविलंब अनुकंपा पर नियुक्त किये जाने सहित अन्य मांगें शामिल है. संघ के महामंत्री ब्रह्मदेव महतो व उप महामंत्री कारेलाल ने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं की जायेगी तब तक हड़ताल जारी रहेगा.
मेयर व वार्ड पार्षदों के बीच दिन भर चलता रहा बैठक का दौर : सफाइकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण बुधवार को दिनभर मेयर तथा पार्षदों के बीच बैठक का दौर चलते रहा. निगम कार्यालय में तालाबंद रहने के कारण ये लोग कस्तूरा वाटर्स पहुंचे और आपात बैठक की.
बैठक के दौरान सफाइकर्मियों के मांग पर विस्तार से चर्चा हुई. बताया गया कि गुरुवार को सफाइकर्मियों के मांग के मामलों पर सशक्त स्थायी कमिटी की बैठक आयोजित कर कोई रास्ता निकाला जायेगा.
मालूम हो कि सफाई कर्मियों द्वारा जो भी मांग किया गया है, उनमें से कुछ मांगें उच्च न्यायालय में लंबित है, जबकि कुछ मांगों का निराकरण राज्य सरकार के स्तर से ही हो सकता है. ऐसे में देखना होगा कि गुरुवार को सशक्त स्थायी कमिटी द्वारा क्या फैसला लिया जाता है तथा सफाई कर्मी हड़ताल समाप्त करते हैं या फिर हड़ताल पर डटे रहते हैं.
ई-म्युनिसिपल का कार्य ठप
सभी कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण निगम कार्यालय का ई-म्युनिसिपल सेवा पूरी तरह से ठप हो गया है. जिसके कारण यहां ऑनलाइन होने वाले सारे कार्य बंद हैं. जरूरतमंद शहरवासी न तो जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा पा रहे हैं और न ही ऑनलाइन टैक्स ही जमा करवा पा रहे हैं.
जिसके कारण लोग दो दिन में ही परेशान होने लगे हैं. दर्जनों लोग अपना काम कराने के लिए प्रतिदिन निगम कार्यालय पहुंच रहे हैं. किंतु यहां मुख्य द्वार पर ही ताला लगा देख वापस घर लौट जा रहे हैं. यदि यह हड़ताल कुछ दिनों तक और चला तो शहरवासियों को परेशानियों के दौर से गुजरना पड़ेगा.
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