मुंगेर : बिहार में जदयू के एक प्रभावशाली नेता का निजीकर्मी बताकर लोगों को ठगने के गोरखधंधे की जांच में कथित संलिप्तता सामने आने के बाद रविवार को यहां पूर्व मंत्री और उनके बेटे के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. पुलिस अधीक्षक लिपि सिंह के अनुसार, ब्रजेश उर्फ बमबम सिंह के बयान के आधार पर दो लोगों के अलावा पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह और उनके बेटे सुमित सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. बमबम इस गिरोह के सिलसिले में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार किये गये चार लोगों में एक था.
पुलिस अधीक्षक ने दावा किया कि बमबम के बयान के अनुसार, इस रैकेट में शामिल लोग अपने को राजीव रंजन सिंह उर्फ लल्लन सिंह का निजी सहायक बताते थे और नौकरी दिलाने का वादा कर लोगों को चूना लगाते थे. उन्होंने इसकी पुष्टि उसके मोबाइल रिकॉर्ड्स से करने का दावा किया.
उन्होंने यह भी दावा किया कि बमबम ने अपने बयान में कहा है कि गिरफ्तार किये गये अन्य आरोपियों के साथ वह इस गोरखधंधे का हिस्सा था तथा पिता-पुत्र उसके सूत्रधार थे. पिता-पुत्र जमुई जिले के निवासी हैं. लोकसभा में जदयू के नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी लल्लन सिंह पहले राज्य में मंत्री थे.
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि जांच के दौरान यह भी सामने आया कि बमबम ने झारखंड के देवघर में एक भूखंड की खरीदारी के लिए खुद को मंत्री का पीए बताया. पुलिस अधीक्षक के अनुसार, पिता-पुत्र ने जमीन के पांच करोड़ के इस सौदे में बिचौलिये काम किया. बमबम को एक करोड़ रुपये मिलने थे.
लिपि सिंह के अनुसार, पिता-पुत्र और उनके सहयोगियों के खिलाफ भादंसं के तहत मामला दर्ज किया गया है और उनकी गिरफ्तारी का आदेश जारी किया गया है. जांच के दौरान इन सहयोगियों के नाम सामने आये. नरेंद्र सिंह ने 2015 में जदयू छोड़ दिया था और वह जीतन राम मांझी की अगुआई वाले हिंदुस्तान आवाम मोर्चा में शामिल हो गये थे. बाद में नरेंद्र सिंह माझी की पार्टी से भी अलग हो गये थे और खुद अपनी पार्टी बना ली थी.