जागृत किसानों ने किया जीरो टिलेज विधि से गेहूं की बुआई
फोटो संख्या : 9फोटो कैप्सन : जीरो टीलेज से खेती प्रतिनिधि, बरियारपुर प्रखंड के बिंदादियारा कल्याण टोला के एकाशी बहियार में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत गुरुवार को जीरो टिलेज विधि से गेहूं की बुआई की गयी. जागृत किसानों ने कृषि समन्वयक मनोज कुमार एवं दिनेश कुमार की देखरेख में गेहूं की बुआई की. […]
फोटो संख्या : 9फोटो कैप्सन : जीरो टीलेज से खेती प्रतिनिधि, बरियारपुर प्रखंड के बिंदादियारा कल्याण टोला के एकाशी बहियार में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत गुरुवार को जीरो टिलेज विधि से गेहूं की बुआई की गयी. जागृत किसानों ने कृषि समन्वयक मनोज कुमार एवं दिनेश कुमार की देखरेख में गेहूं की बुआई की. किसान हरिवंश नारायण चौधरी, नलिनिकांत उर्फ टमाटर चौधरी, राजीव रंजन सहित आधे दर्जन किसानों के खेतों में इस तकनीक से फसल की बुआई हुई. कृषि समन्वयक ने जीरो टिलेज विधि के बारे में बताया कि शून्य जुताई विधि से खेती करने में बार-बार खेतों की जुताई नहीं करनी पड़ती है. जिससे किसानों को जुताई के खर्च में बचत होती है. इस विधि में बीज की खपत भी कम होती है. क्योंकि बीज समान दूरी पर खेतों में मशीन के माध्यम से गिरती है. एक पौधे से दूसरे पौधे की दूरी 10 इंच होती है. जिस कारण खेतों में अनावश्यक खरपतवार कम उगते हैं. जिस कारण खेतों में पानी की खपत भी कम होती है. खेतों में ज्यादा खर-पतवार जब नहीं होते हैं तो चूहे का आक्रमण भी कम हो जाता है. इन सभी फायदे के वजह से किसानों को खेती करने में जहां पैसों की बचत होती वहीं उपज की मात्रा में भी वृद्धि हो जाती है. फलत: जागृत किसान अब इस जीरो टिलेज विधि से खेती करना ज्यादा फायदेमंद है.