सैकड़ों बीघे मकई की फसल डूबी

* गंगा नदी में बढ़ते जल स्तर के कारण कटाव का कहरमुंगेर सदर : गंगा नदी में बढ़ते उफानों के कारण प्रखंड के दियारा क्षेत्र में लगे सैकड़ों बीघे मकई का फसल बाढ़ के चपेट में आ चुका है. वहीं तटवर्ती क्षेत्रों में बढ़ते जल स्तर के कारण कटाव का कहर भी जारी है हालांकि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:52 PM

* गंगा नदी में बढ़ते जल स्तर के कारण कटाव का कहर
मुंगेर सदर : गंगा नदी में बढ़ते उफानों के कारण प्रखंड के दियारा क्षेत्र में लगे सैकड़ों बीघे मकई का फसल बाढ़ के चपेट में आ चुका है. वहीं तटवर्ती क्षेत्रों में बढ़ते जल स्तर के कारण कटाव का कहर भी जारी है

हालांकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के जाफरनगर, कुतलुपुर व टीकारामपुर पंचायतों के गांव में अबतक बाढ़ का पानी प्रवेश नहीं किया है. मगर एक से दो दिनों में बाढ़ का पानी निश्चित रूप से इन गांवों में प्रवेश कर पायेगा.

मालूम हो कि सदर प्रखंड क्षेत्र में गंगा के बढ़ते जल स्तर पर प्रभात खबर प्रतिदिन खबरों को प्रकाशित कर रही है. क्योंकि प्रतिदिन नदी में बाढ़ की स्थिति बढ़ते ही जा रही है. हाल ही में उत्तराखंड में बादल के फटने से भारी तबाही आ चुकी है जो कि सर्वविदित है. साथ ही सोमवार को उत्तराखंड में पुन: बादल के फटने से गंगा नदी के जल स्तर में तीव्रता से बढ़ोतरी होनी शुरू हो गयी है.

बढ़ते जल स्तर की स्थिति को देखते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के बुद्धिजीवी लोगों का मानना है कि एक से दो दिनों के भीतर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के गांवों में बाढ़ का पानी निश्चित रूप से प्रवेश कर जायेगा. संभावित बाढ़ के खतरे से बचने के लिए लोगों को समय रहते ही सुरक्षित स्थान पर आश्रय ले लेना काफी लाभदायक होगा. वैसे तो धीरे-धीरे लोग सुरक्षित स्थान के तरफ अपना रूख करने लगे है.

मगर अधिकांश लोग अब भी गांव में ही पांव जमाये बैठे हुए हैं. जबकि दियारा क्षेत्र में लगे सैकड़ों बीघा मकई का फसल जल समाधि ले चुका है. दियारा क्षेत्र के किसानों के लिए मकई का फसल भी बड़ा मायने रखता है.

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि दियारा क्षेत्र में बाढ़ के तांडव का आगाज हो चुका है. वक्त की नजाकत को देखते हुए बेहतर तो यही होगा कि लोग समय रहते सुरक्षित स्थान पर अपना डेरा डाल दें. इसके लिए जिला प्रशासन भी पूरी तैयारी में लगी हुई है.

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