Munger University Bihar: बिना सरकार से अनुमति के चल रहा एमयू का 20 पीजी विभाग, तीन सत्र भी हो चुके हैं समाप्त

Munger University Bihar: मुंगेर विश्वविद्यालय के 20 पीजी विभाग पिछले तीन वर्षों से बिना सरकारी अनुमति और पद सृजन के ही संचालित हो रहे हैं. वर्ष 2020 में 12 पीजी स्कूलों की स्वीकृति मिली थी, लेकिन बाद में उच्च शिक्षा विभाग ने इसे रद्द कर दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | August 8, 2024 8:07 PM

Munger University Bihar: मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा पिछले तीन वर्षों में कई बड़ी उपलब्धियों का दावा किया जा रहा है. जिसमें एक उपलब्धि 20 पीजी विभागों का संचालन भी है, लेकिन एमयू के 20 पीजी विभाग पिछले तीन साल से बिना सरकार से अनुमति और बिना पद सृजन के ही चल रहा है. एमयू प्रशासन द्वारा अपने एकेडमिक काउंसिल और सिंडिकेट, सीनेट की स्वीकृति पर ही पीजी विभाग का संचालन किया जा रहा है. हालांकि, साल 2020 में विश्वविद्यालय को 12 पीजी स्कूलों के लिये स्वीकृति मिली थी और उसके लिये कुल 120 पदों का सृजन भी सरकार द्वारा किया गया था, लेकिन बाद में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पीजी स्कूलों की स्वीकृति भी नहीं दी गयी. एमयू के स्थापना काल के बाद से साल 2020 तक विश्वविद्यालय में पीजी विभाग नहीं खुलने को लेकर चर्चा होती रही. 2021 में कुलपति प्रो. श्यामा राय के आने के बाद 20 पीजी विभागों को शुरू किया गया. जिसमें अबतक पीजी के कुल तीन सत्र भी पूरे हो चुके हैं, लेकिन एमयू के 20 पीजी विभाग तीन सालों से बिना सरकार की स्वीकृति के ही संचालित हो रहा है. इस कारण अबतक एमयू के पीजी विभागों के लिये सरकार से पद सृजन तक नहीं हो पाया है.

Munger University Bihar: सरकार से 12 पीजी स्कूलों के लिये मिली थी पद सृजन की स्वीकृति

एमयू के पहले कुलपति प्रो. रणजीत कुमार वर्मा द्वारा पीजी विभागों की जगह 12 पीजी स्कूलों को लेकर सरकार से स्वीकृति मांगी गयी थी. जिसमें स्कूल आफ लाइफ साईंसेंज, स्कूल आफ केमिकल साईंसेज, स्कूल आफ फिजिकल साईंसेज, स्कूल आफ मैथेमेटिकल साईंसेज, स्कूल आफ कंप्यूटर साईंसेज, स्कूल आफ कामर्स एंड मैनेजमेंट स्टडीज, स्कूल आफ हयूमेनिटीज, स्कूल आफ सोशल साईंसेज, स्कूल आफ अर्थ एंड प्लैनेटरी साईंसेज, स्कूल आफ लीगल स्टडीज, स्कूल आफ कंटीन्यूईंग लर्निग एंड प्रोफेशनल डेवलपमेंट स्टडीज शामिल थे. इसके लिये साल 2021 में सरकार द्वारा 140 शिक्षकों व 20 शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के पद सृजन की स्वीकृति भी दी गयी थी. लेकिन इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग द्वारा विश्वविद्यालय में पीजी स्कूलों का कांसेप्ट नहीं होने के कारण पीजी स्कूलों को खोलने की स्वीकृति नहीं दी गयी. जिसके बाद विश्वविद्यालय द्वारा तिलकामांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर के पीजी विभागों के अनुसार ही एकेडमिक काउंसिल और सिंडिकेट, सीनेट में स्वीकृति के पश्चात 20 पीजी विभागों को बिना सरकार की स्वीकृति और पद सृजन के ही आरंभ कर दिया गया.

Munger University Bihar: कहते हैं अधिकारी

एमयू के नामांकन समिति पदाधिकारी सह डीएसडब्लू डॉ भवेशचंद्र पांडेय ने बताया कि एकेडमिक काउंसिल और सिंडिकेट, सीनेट में स्वीकृति के पश्चात विश्वविद्यालय द्वारा पीजी विभागों का संचालन किया गया है. पीजी विभागों की स्वीकृति और पद सृजन को लेकर सरकार को पूर्व में ही पत्र भेजा गया है.

Munger University Bihar: फीस अपने पास, विद्यार्थी उधार के कॉलेज भवनों में

एमयू द्वारा भले ही 20 पीजी विभागों को आरंभ कर दिया गया, लेकिन बिना पद सृजन और अपने ही कॉलेजों के भवनों में उधार पर चल रहे पीजी विभाग पूरी तरह बदहाल है. हाल यह है कि एमयू के अधिकांश पीजी विभागों का संचालन जहां आरडी एंड डीजे कॉलेज, मुंगेर तथा जेआरएस कॉलेज, जमालपुर में चल रहा है. वहीं कुछ पीजी विभाग बीआरएम कॉलेज में संचालित हो रहे हैं. जिसमें अबतक तीन सत्र भी पूरे हो चुके हैं और प्रत्येक सत्र में इन पीजी विभागों से करीब 1 हजार विद्यार्थी पीजी उत्तीर्ण भी हो चुके हैं, लेकिन एमयू प्रशासन अबतक उधार के भवनों में चल रहे अपने पीजी विभागों को फंड तक नहीं दे पाया है, जबकि पीजी विभागों के विद्यार्थियों की फीस तक खुद एमयू प्रशासन के खातों में जाती है.

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