अधिवक्ताओं ने मनाया संविधान दिवस
प्रतिनिधि , मुंगेरअधिवक्ता परिषद मुंगेर के बैनर तले बुधवार को विधिज्ञ संघ भवन-2 के हॉल में संविधान दिवस मनाया गया. उसकी अध्यक्षता दीपक कुमार मिश्रा ने की. वक्ताओं ने कहा कि प्रत्येक संविधान का अपना एक दर्शन होता है. क्योंकि इसमें संविधान के मुख्य उद्देश्यों, विचार धाराओं, लक्ष्यों तथा सरकार के उत्तरदायित्व का वर्णन किया […]
प्रतिनिधि , मुंगेरअधिवक्ता परिषद मुंगेर के बैनर तले बुधवार को विधिज्ञ संघ भवन-2 के हॉल में संविधान दिवस मनाया गया. उसकी अध्यक्षता दीपक कुमार मिश्रा ने की. वक्ताओं ने कहा कि प्रत्येक संविधान का अपना एक दर्शन होता है. क्योंकि इसमें संविधान के मुख्य उद्देश्यों, विचार धाराओं, लक्ष्यों तथा सरकार के उत्तरदायित्व का वर्णन किया जाता है. भारतीय संविधान का निर्माण करने के लिए सर्व प्रथम संविधान सभा की गठन जुलाई 1946 में हुआ और 9 दिसंबर 1946 को स्थाई अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद सिन्हा को बनाया गया. जबकि 11 दिसंबर 1946 में डॉ राजेंद्र प्रसाद स्थायी अध्यक्ष निर्वाचित हुए. इसके प्रारूप अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेदक को बनाया गया. जिसमें 6 सदस्य भी रखे गये. वक्ताओं ने कहा कि आज के समय में अवसरवादी नेता अपनी निजी वोट बैंक के स्वार्थ में संविधान संशोधन करते है. संशोधन पहले भी हुए है लेकिन हम अपने ही देश के एक भाग कश्मीर में अधिकार के साथ नहीं रह सकते है और न ही वहां के लोग कहीं रह सकते है. यह कितनी बड़ी बिडंवना है कि 370 धारा लगा कर आम व्यक्ति को अधिकार से वंचित कर दिया गया है. मौके पर संगठन के महामंत्री राकेश चंद्र वर्मा, मंत्री भूतेश कुमार, प्रवीण कुमार चौरसिया, प्रकाश चंद्र सिन्हा, महेश कुशवाहा, मनोज कुमार सहित अन्य मौजूद थे.