अतिक्रमण की चपेट में शहर की सड़कें
मुंगेर : शहर के एक नंबर ट्रैफिक से लेकर पूरबसराय तक फुटपाथ दुकानदार व ठेले वालों का साम्राज्य कायम है. सुबह से लेकर शाम तक बीच सड़क पर इस कदर ठेला लगाया जाता है कि चार पहिया वाहन तो दूर दो पहिया वाहन को 100 मीटर की दूरी तय करने में 10 से 15 मिनट […]
मुंगेर : शहर के एक नंबर ट्रैफिक से लेकर पूरबसराय तक फुटपाथ दुकानदार व ठेले वालों का साम्राज्य कायम है. सुबह से लेकर शाम तक बीच सड़क पर इस कदर ठेला लगाया जाता है कि चार पहिया वाहन तो दूर दो पहिया वाहन को 100 मीटर की दूरी तय करने में 10 से 15 मिनट लग जाता है. यदि कोई वाहन चालक कुछ बोलता है तो ठेले वाले लड़ने को तैयार हो जाते हैं.
यहां तक कि कई बार मारपीट व नोक-झोंक की नौबत तक आ जाती है. जिला प्रशासन द्वारा कई बार जोर-शोर से अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाता है और कुछ दिनों के लिए शहर की सड़कें अतिक्रमण मुक्त भी हो जाती है. लेकिन अतिक्रमण की समस्या पुन: कायम हो जाती है.
सड़क पर लगता है सब्जी का ठेला
शहर के एक नंबर ट्रैफिक से लेकर पूरबसराय तक सड़क के बीचो-बीच सब्जी विक्रेता, कपड़ा विक्रेता व फल विक्रेता अपना ठेला लगाकर धंधे में मशगूल रहते हैं. इतना ही नहीं फुटपाथ पर भी अतिक्रमण होने की वजह से राहगीर पैदल पथ का उपयोग नहीं कर पाते. कौड़ा मैदान क्षेत्र में भी कुछ ऐसा ही नजारा रहता है. हैरत की बात तो यह है कि किला परिसर क्षेत्र में किला से लेकर प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के सामने भी अतिक्रमण कायम है.
प्राय: लगा रहता है जाम
शहर की सड़कों पर अतिक्रमण के कारण प्राय: जाम की स्थिति बनी रहती है. कोतवाली थाना जाने वाली सड़क हो या फिर एक नंबर ट्रैफिक से पूरबसराय जानेवाली सड़क. सभी रास्ते अतिक्रमण से भरे हैं. जिसके कारण दोपहिया से लेकर चार पहिया वाहन तक जाम में घंटों फंसे रहते हैं.
पार्कि ग की नहीं है व्यवस्था
शहर में यदि पार्किग की बात की जाय तो वह नगण्य है. जिसके कारण लोग अपनी मोटर साइकिल व चारपहिया वाहन को सड़कों पर ही लगा कर अपने अपने कार्य में मशगूल हो जाते हैं. जिस दुकान में समान खरीदना हो उसी दुकान के सामने बीच सड़क पर लोग अपना वाहन खड़ा कर देते हैं. जिसके कारण जाम की स्थिति बनी रहती है.