श्रावणी मेला में 22 दिन शेष, कांवरिया धर्मशालाओं की मरम्मती व रंग रोगन का कार्य शुरू नहीं

श्रावणी मेला में 22 दिन शेष

By Prabhat Khabar Print | June 29, 2024 11:52 PM

फोटो संख्या –

फोटो कैप्शन – 8. सरकारी कांवरिया धर्मशाला में रंग रोगन का कार्य शुरू नहीं

9. कांवरिया धर्मशाला में गंदगी

प्रतिनिधि, संग्रामपुर —————————

एक माह तक चलने वाला विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला शुरू होने में अब महज 22 दिन ही शेष रह गये है. परंतु अभी तक सरकारी स्तर पर कांवरियों को दी जाने वाली सुविधाओं की तैयारी शुरू नहीं हो पाई हैं. संग्रामपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले 12 किलोमीटर कच्ची कांवरिया पथ में दो सरकारी धर्मशाला मनियां और कुमरसार में अब तक मरम्मत व रंग रोगन का कार्य प्रारंभ नहीं हुआ है. जबकि पहले प्रशासनिक तैयारी दो माह पूर्व ही प्रारंभ हो जाता था.

बताया जाता है कि सरकारी कांवरिया धर्मशालाओं के रंग रोगन सहित शौचालय, स्नानागार, बिजली मरम्मत का कार्य नहीं किया जा रहा है. मरम्मत व रंग रोगन का कार्य भवन निर्माण विभाग मुंगेर के द्वारा किया जाता है. वैसे कांवरिया पथ में स्थानीय लोगों द्वारा लगाए जाने वाले दुकान लगनी शुरू हो गई है. स्थानीय लोगों द्वारा रास्ते में कांवरिया के विश्राम के लिए टेंट व दुकान सज-धज कर तैयार होने लगा है. कांवरियों की यात्रा में सुगमता को देखते हुए प्रतिवर्ष कच्ची कांवरिया पथ पर गंगा के बालू का बिछाव व्यापक पैमाने पर किया जाता है. यह कार्य एक महीने पूर्व से ही शुरू हो जाता था. पर इस वर्ष बालू के बिछाव का भी कार्य अभी तक शुरू नहीं हो पाया है. इतना ही नहीं पीएचईडी विभाग द्वारा कच्ची कांवरिया पथ पर खराब पड़े चापाकल, शौचालय, स्नानागार, पेय जलापूर्ति सहित अन्य किसी भी प्रकार का निविदा प्रक्रिया शुरू नहीं होने के कारण कार्य अधर में लटका हुआ है. वैसे एक माह पूर्व उप विकास आयुक्त मुंगेर अजीत कुमार सिंह द्वारा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले कच्ची कांवरिया पथ सहित धर्मशाला एवं अन्य तैयारियां का निरीक्षण किया गया था. अंचल अधिकारी संग्रामपुर को धर्मशाला के आगे सरकारी जमीन को चिह्नित कर घेराबंदी सहित अन्य कमियों को पूरा कर कांवरिया के यात्रा की सुगमता हेतु कई कार्य करने का आदेश दिया गया था. परंतु समय धीरे-धीरे बीतता जा रहा है और अब तक कांवरिया पथ में किसी भी प्रकार की तैयारी नहीं होना चिंता का विषय है. ऐसे में कम समय में गुणवत्तापूर्ण कार्य होना संभव नहीं है. विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला का आयोजन वृहद पैमाने पर किया जाता है. श्रावणी मेला में देश-विदेश के लोग सुल्तानगंज से जल भरकर बाबा बैद्यनाथ धाम की यात्रा करते हैं. परंतु संबंधित विभाग के पदाधिकारी अभी भी कुंभकर्णी नींद से नहीं जग रहे.

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