थाने से पुलिस को चकमा देकर भागते रहे हैं अपराधी
मुंगेर : जिला पुलिस की टीम ने संदेह के आधार पर छापामार कर मो शाहेब उर्फ शाहबउद्दीन एवं मो. मेहताब को 15 जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद दोनों को पुरबसराय ओपी रस्से में लगी हथकड़ी से बांध कर लाया गया. हाजत नहीं रहने के कारण अपराधियों को थाने के सिरिस्ता में […]
मुंगेर : जिला पुलिस की टीम ने संदेह के आधार पर छापामार कर मो शाहेब उर्फ शाहबउद्दीन एवं मो. मेहताब को 15 जिंदा कारतूस के साथ गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद दोनों को पुरबसराय ओपी रस्से में लगी हथकड़ी से बांध कर लाया गया. हाजत नहीं रहने के कारण अपराधियों को थाने के सिरिस्ता में रखा गया. दिन के 10 बज रहे थे, थाना में मुंशी एवं अन्य पुलिसकर्मी मौजूद थे. इसी बीच दोनों अपराधी रस्सा काट कर हथकड़ी सहित फरार हो गया.
पुलिस कर्मी पर उठ रहे सवाल. आखिर कैसे अपराधियों को रस्सा काटने के लिए धारदार चीज मिली. जब अपराधी भाग रहे थे क्यों नहीं किसी की नजर उस पर पड़ी. आराम से अपराधी थाना के पिछले हिस्से से भाग निकला. आखिर पुलिस कर्मी थाने में क्या कर रहे थे. कहीं कोई पुलिस कर्मी का तो अपराधियों को भगाने में हाथ नहीं है!
लंबे समय से करता है हथियार तस्करी. बताया जाता है कि मो. शाहेब एवं मो. मेहताब घोरघट का रहने वाला है. परंतु मो. शाहेब पिछले कुछ साल से मिर्जापुर बरदह में अपने बहन – बहनोई के घर रह रह कर हथियार तस्करी का धंधा करता था. जो पहले भी आर्म्स एक्ट में जेल जा चुका है.
पहले भी भागा था मो. शाहेब. मो. शाहेब एक बार पहले भी पुलिस अभिरक्षा से कोर्ट में उपस्थापन के दौरान भाग गया था. बताया जाता है कि वर्ष 1999 में मो. शाहेब को मुफस्सिल पुलिस ने आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार किया था. जब उसे कोट में उपस्थापन के लिए ले जाया जा रहा था तो वह पुलिस को चकमा देकर भाग निकला था. उसके खिलाफ मुफस्सिल थाना में 263/99 कांड संख्या दर्ज है.
पहले भी थाने से भाग चुके है कैदी. विदित हो कि वर्ष 2013 में अपराधी पैआ तारापुर थाना हाजत से फरार हो गया था. पहले कहा जा रहा था कि पौआ हाजत का भिंडीलेटर तोड़ कर भागा. लेकिन जांच के दौरान पाया गया कि खाना खिलाने के दौरान जानबूझ कर हाजत का दरवाजा खुला छोड़ दिया गया था और अपराधी भाग निकला था. पिछले वर्ष ही कोतवाली थाना पुलिस से भी एक अपराधी पेशाब करने के बहाने पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था.