24 अल्पसंख्यक गांवों के बहुरेंगे दिन

प्रधानमंत्री के नये 15 सूत्री प्रोग्राम के तहत मुंगेर के 24 अल्पसंख्यक बाहुल्य गांवों का चयन किया गया है. जहां का विकास अब इस योजना के तहत होगा और शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक की व्यवस्था दुरुस्त होगी. गांवों के लोगों को रोजगार परख प्रशिक्षण के साथ ही ऋण की व्यवस्था की जायेगी. ताकि अल्पसंख्यक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 13, 2014 3:36 AM

प्रधानमंत्री के नये 15 सूत्री प्रोग्राम के तहत मुंगेर के 24 अल्पसंख्यक बाहुल्य गांवों का चयन किया गया है. जहां का विकास अब इस योजना के तहत होगा और शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक की व्यवस्था दुरुस्त होगी. गांवों के लोगों को रोजगार परख प्रशिक्षण के साथ ही ऋण की व्यवस्था की जायेगी. ताकि अल्पसंख्यक समुदाय की आर्थिक तंगी दूर हो और वे देश व समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सके.

मुंगेर : जिस तरह प्रधानमंत्री ने सभी लोकसभा सदस्यों से अपने-अपने क्षेत्र में एक-एक ऐसे पिछड़ा गांव को गोद लेने की योजना चलायी. जहां के लोग मूलभूत सुविधा से आज भी वंचित है. इस योजना के तहत गोद लिये गये उन गांवों का सर्वांगीण विकास किया जायेगा जो देश की तरक्की में मुख्य योगदान निभायेंगे.
इसी तरह भारत सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने 12 वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम चलाया है. जिसके तहत 50 प्रतिशत या इससे अधिक की जनसंख्या वाले अल्पसंख्यक गांव का चयन किया जायेगा. जहां 15 तरह के कार्यक्रम चलाकर वहां के लोगों का सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक दशाओं में सुधार लाया जायेगा.
* जिले के 24 गांवों का हुआ चयन
जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा प्रथम चरण में जिले के 24 गांवों का चयन किया गया. जिसमें नगर निगम क्षेत्र के तोपखाना बाजार, चुरंबा, पूरबसराय, पूरबसराय कमेला, दिलावरपुर, खानकाह का चयन किया गया. जबकि सदर प्रखंड से श्रीमतपुर, बरदह, जमालपुर प्रखंड से पड़हम, समसपुर, मुबारकचक, सुतुरखाना, गुलालपुर, बनौदा, हवेली खड़गपुर के गौरा, असरगंज के आशा जोरारी, खरवा, गोरहो, बनगामा, विक्रमपुर, तारापुर के रामपुर विषय, गाजीपुर, लखनपुर, खानपुर गांव का चयन किया गया.
जबकि नगर परिषद जमालपुर के वार्ड संख्या 18 का चयन किया गया है. संग्रामपुर प्रखंड, बरियारपुर, धरहरा, टेटियाबंबर प्रखंड से प्राप्त जांच प्रतिवेदन के आधार पर कोई ऐसे गांव नहीं है. जहां 50 प्रतिशत अल्पसंख्यक आबादी है. इसलिए यहां के एक भी गांव का चयन नहीं हो सका है.

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