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2252.557 एमटी चावल नहीं पहुंचा एसएफसी गोदाम, गोलमाल की जतायी जा रही आशंका

एसएफसी गोदाम में सीएमआर का चावल 31 जुलाई 2024 तक जमा कराने अंतिम तिथि निर्धारित थी. जो बुधवार को समाप्त हो गयी. इस अवधि में किसानों से पैक्सों द्वारा खरीदे गये धान की मिलिंग कराकर एसएफसी को आपूर्ति करनी है. लेकिन अभी भी एसएफसी गोदाम से 2252.557 एमटी चावल दूर है. जिसे सरकारी हिसाब से गायब माना जा रहा है.

मुंगेर. एसएफसी गोदाम में सीएमआर का चावल 31 जुलाई 2024 तक जमा कराने अंतिम तिथि निर्धारित थी. जो बुधवार को समाप्त हो गयी. इस अवधि में किसानों से पैक्सों द्वारा खरीदे गये धान की मिलिंग कराकर एसएफसी को आपूर्ति करनी है. लेकिन अभी भी एसएफसी गोदाम से 2252.557 एमटी चावल दूर है. जिसे सरकारी हिसाब से गायब माना जा रहा है. जिसके कारण सहकारिता विभाग ने जांच शुरू कर दी है. अगर सीएमआर जमा करने की अवधी विस्तार नहीं होती है तो सीएमआर ( मिल पर तैयार चावल )जमा नहीं करने वाले पैक्स और मिलरों के खिलाफ एफआइआर तक दर्ज हो सकती है.

मात्र 35273.171 एमटी चावल ही पहुंचा एसएफसी गोदाम

जिला सहकारिता विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जिले में खरीफ विपणन मौसम 2023-24 में 59080 एमटी धान अधिप्राप्ति करने का लक्ष्य था. जिसके विरुद्ध 57 पैक्स और 3 व्यापार मंडल ने निबंधित 11070 किसानों में 8093 किसानों से 55072.774 एमटी धान की खरीद की गयी. जिसके एवज में किसानों को 12160.07 लाख रुपये का भुगतान किया गया. खरीदे गये धान से चावल तैयार करने के लिए जिले के 13 मिलरों से टेग किया गया. मिलरों द्वारा तैयार चावल को पैक्स द्वारा एसएफसी गोदाम में पहुंचाना था. मिली जानकारी के अनुसार 37525.728 एमटी सीएमआर के विरुद्ध एसएफसी गोदाम में मात्र 35273.171 एमटी सीएमआर ही आपूर्ति किया जा सका. जबकि 2252.557 एमटी सीएमआर आपूर्ति करना शेष रह गया है. जबकि 31 जुलाई 2024 को सीएमआर आपूर्ति करने की तिथि भी बुधवार को समाप्त हो चुकी है. जबकि सहकारिता विभाग द्वारा कई बार पैक्सों को रिमाइंडर देकर एसएफसी गोदाम में सीएमआर आपूर्ति करने का निर्देश दिया गया.

पैक्स और मिलरों की लापरवाही से शत प्रतिशत सीएमआर की नहीं हुई आपूर्ति

धान अधिप्राप्ति के लिए पैक्स को सीसी लोन दिया जाता है. जिससे पैक्स किसानों को खरीदे गये धान के एवज में राशि का भुगतान करती है. किसानों से खरीदे गये धान से चावल तैयार करने के लिए पैक्स निबंधित मिलर के यहां भेजता है. मिलर धान से चावल तैयार कर पैक्स को देते है. जिसे पैक्स एसएफसी गोदाम में आपूर्ति करता है. चावल के सीएमआर के एवज में एफएफसी द्वारा कॉपरेटिव बैंक में राशि भुगतान करती है. कॉपरेटिव बैंक चावल के मूल्य के अनुरूप पैक्स के खाते में राशि ट्रांसफर कर देती है. सहकारिता विभाग द्वारा अब तक कुल सीएमआर का 96 प्रतिशत राशि का भुगतान कर दिया गया है. बावजूद पैक्स और मिलरों की लापरवाही से 2252.557 एमटी चावल एसएफसी गोदाम नहीं पहुंच सका है.

कहते हैं अधिकारी

जिला सहकारिता पदाधिकारी नवीन मोहन प्रसाद ने बताया कि अंतिम तिथि 31 जुलाई तक सीएमआर जमा कराने के लिए पैक्सों को कई बार रिमाइंडर भेजा गया. बावजूद अंतिम तिथि तक कुछ पैक्सों ने एसएफसी गोदाम में सीएमआर का आपूर्ति नहीं किया. शतप्रतिशत सीएमआर आपूर्ति नहीं करने की जांच शुरू कर दी गयी है. लापरवाह पैक्स और मिलर की सूची तैयार कर उसके खिलाफ विधि संम्मत कार्रवाई की जायेगी. चावल का हिसाब नहीं मिला तो दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी.

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