मुंगेर के 23 बीटा थैलेसिमिया से ग्रसित बच्चों को मिलेगी मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता
Chief Minister Medical Aid: बीटा थैलेसिमिया मेजर से ग्रसित बच्चों को अब मुख्यमंत्री चिकित्सीय सहायता कोष से बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन के लिये अनुदान मिलेगा.
Chief Minister Medical Aid: बीटा थैलेसिमिया मेजर से ग्रसित बच्चों को अब मुख्यमंत्री चिकित्सीय सहायता कोष से बोन मैरो ट्रांसप्लांटेशन के लिये अनुदान मिलेगा. इसके लिये सरकार द्वारा मुख्यमंत्री बाल थैलेसिमिया योजना को स्वीकृति दे दी गयी है. वहीं इस योजना का लाभ जिले के 23 बीटा थैलेसिमिया मेजर से ग्रसित बच्चों को मिलेगा. इसमें ब्लड बैंक और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य सुरक्षा (आरबीएसके) टीम सहयोग करेगी.
Chief Minister Medical Aid: बीटा थैलेसीमिया का बोन मैरो ट्रांसप्लांट ही है स्थाई इलाज
सीएस डॉ विनोद कुमार सिन्हा ने बताया कि थैलेसिमिया एक गंभीर, जन्मजात और वंशानुगत बीमारी है. इंटरमीडिएट और माइनर थैलेसिमिया के हल्के रूप होते हैं, लेकिन बीटा थैलेसिमिया मेजर इसका गंभीर रूप है. इसमें बोन मैरो में खून के लाल रक्त कण का उत्पादन बंद हो जाता है. इस कारण शरीर का विकास भी अवरूद्ध हो जाता है. सामान्यत: समय-समय पर रक्त चढ़ाकर बच्चे को बचाया जा सकता है. जो एक अस्थायी उपाय है. जबकि बार-बार रक्त चढ़ाने से लीवर सिरोसिस तथा हर्ट फेल्योर का खतरा रहता है. ऐसे में 12 या उससे कम आयु के बच्चों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट ही स्थायी उपाय है. हालांकि बोन मैरो ट्रांसप्लांट काफी मंहगा होता है. ऐसे में मुख्यमंत्री बाल थैलेसिमिया योजना शुरू किया गया है.
Chief Minister Medical Aid: 12 या उससे कम आयु के बच्चों को मिलेगा योजना का लाभ
सीएस ने बताया कि इस योजना का लाभ बीटा थैलेसिमिया मेजर से पीड़ित 12 वर्ष या उससे कम आयु के बच्चों को मिलेगा. जबकि उसके लीवर का साइज 5 सेंटीमीटर से कम हो. इस योजना के तहत रोगी, बोन मैरो डोनर तथा अभिभावक को सीएमसी वेल्लोर तमिलनाडू भेजा जायेगा. इस इलाज में कुल 15 लाख का खर्च होगा. जो सरकार द्वारा मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से दिया जायेगा. इसके तहत रोगी व डोनर का एचएलए स्क्रीनिंग, अभिभावक के साथ रोगी व डोनर के आवागमन की सुविधा दी जायेगी, जबकि पूरे खर्च के साथ तीन माह तक निशुल्क भोजन व रहने की व्यवस्था के साथ डे-केयर सुविधा प्रदान की जायेगी.
Chief Minister Medical Aid: 23 बीटा थैलेसिमिया ग्रसित बच्चों को मिलेगा योजना का लाभ
सदर अस्पताल ब्लड बैंक के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि मुंगेर जिले के लगभग 28 बीटा थैलेसिमिया मेजर के मरीज रजिस्टर्ड हैं. जिसमें 23 बीटा थैलेसिमिया के मरीजों की उम्र 12 साल से कम है. जिन्हें सरकार के इस योजना का लाभ मिलेगा. उन्होंने बताया कि बीटा थैलेसिमिया में बोन मैरो ट्रांसप्लांट ही स्थायी इलाज है. थैलेसिमिया मरीजों के लिये लगातार ब्लड ट्रांस्फूयजन के कारण उनमें एचआईवी या हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों का खतरा बना रहता है. ऐसे में यह योजना इन मरीजों के लिये काफी लाभदायक होगा.