आठ महादलित परिवारों ने धर्म परिवर्तन लिया वापस

फोटो संख्या : 1,2फोटो कैप्सन : महादलित परिवार प्रतिनिधि, संग्रामपुर प्रखंड के रतनपुरा गांव में आठ परिवारों द्वारा ईसाई धर्म कबूल करने की प्रकाशित खबर के बाद से प्रशासनिक महकमा सक्रिय हुआ और ग्रामीणों, रिश्तेदारों एवं अन्य परिजनों के समझाने पर ईसाई धर्म की ओर मुखातिब हुए सभी महादलित परिवार पुन: हिंदू धर्म में ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 20, 2014 10:02 PM

फोटो संख्या : 1,2फोटो कैप्सन : महादलित परिवार प्रतिनिधि, संग्रामपुर प्रखंड के रतनपुरा गांव में आठ परिवारों द्वारा ईसाई धर्म कबूल करने की प्रकाशित खबर के बाद से प्रशासनिक महकमा सक्रिय हुआ और ग्रामीणों, रिश्तेदारों एवं अन्य परिजनों के समझाने पर ईसाई धर्म की ओर मुखातिब हुए सभी महादलित परिवार पुन: हिंदू धर्म में ही रहने को राजी हो गये. ईसाई धर्म में आस्था की ओर अग्रसर रतनपुरा गांव के टोला सेवक नरेंद्र मांझी ने बताया कि दशहरा के बाद से ही उनका झुकाव ईसाई धर्म की ओर हो गया था. वह चाहता है कि शराब एवं अन्य कुरीतियों से बरबाद हो रहा उनका समाज तरक्की करें. परंतु ऐसा नहीं हो पा रहा था. ईसाई धर्म अपनाकर शराब के सेवन पर रोक लगा कर वे समाज को नयी दिशा दे सकेंगे. उनके इस धर्म परिवर्तन से गांव के सभी लोग विरोध कर रहे थे. साथ ही उसकी बेटी निशा देवी, बहन ललिता देवी एवं दामाद द्वारा विरोध करने के कारण वे काफी तनाव में थे. उनलोगों का कहना है कि प्रशासन एवं मुखिया द्वारा पूछताछ करने पर हमलोग पुन: रास्ते पर आ गये हैं. अब वे हिंदू धर्म के अनुयायी बने रहेंगे. वहीं 13 दिसंबर 2014 को अपनी पत्नी की मृत्यु के बाद दफनाये जाने की बात पर मथुरा मांझी कहते हैं कि उनकी पत्नी ने खड़गपुर नजरी मिशन में दीक्षा लेकर ईसाई धर्म कबूल किया था. इसलिए बाहर से 20-25 लोगों ने आकर समझाने के बाद वे पत्नी को दफनाये जाने पर राजी हो गये थे. उन्होंने कभी भी अपना धर्म परिवर्तन नहीं किया है और मानवीय भूल थी.

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