प्रतिनिधि : मुंगेर संतमत सत्संग आश्रम नयागांव जमालपुर में शनिवार को महर्षि संत सेवी परमहंस जी महाराज की जयंती मनायी गयी. अध्यक्षता समिति के उपाध्यक्ष रामप्रीत तांती ने की. वरिष्ठ महात्मा स्वामी नरेंद्र बाबा ने कहा कि संत सेवी जी महाराज सद्गुरु महर्षि मेंही के प्रधान शिष्य व उत्तराधिकारी थे. उन्होंने गुरु महाराज की सेवा में ही सर्वस न्योछावर कर दिया था. जिससे प्रसन्न होकर गुरु महाराज ने उनका नाम संत सेवी रखा था. मधेपुरा जिला में रहने वाले संत सेवी महाराज ने 87 वर्ष की आयु में कुप्पा घाट आश्रम भागलपुर में अपना पार्थिव शरीर त्यागा था. इस दौरान उन्होंने हजारों श्रद्धालुओं को दीक्षा देकर संतमत से जोड़ा. उन्होंने ओम विवेचन, योग महात्म्य, जग में ऐसे रहना, सत्य क्या है तथा गुरु महिमा जैसे दर्जनों पुस्तकों की रचना की. अन्य वक्ताओं ने कहा कि गुरु महाराज के महाप्रयाण से संतमत में जो रिक्तता आयी उसे संतसेवी जी महाराज ने भरने का प्रयास किया. उनका जमालपुर से गहरा लगाव था. मौके पर प्रचार मंत्री राजन कुमार चौरसिया, सचिव शिव नारायण मंडल, अर्जुन तांती, प्रमोद यादव, ओमप्रकाश गुप्ता, सीताराम वैद्य सहित दर्जनों सत्संगी उपस्थित थे.
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महर्षि संत सेवी महाराज की 95 वीं जयंती मनी
प्रतिनिधि : मुंगेर संतमत सत्संग आश्रम नयागांव जमालपुर में शनिवार को महर्षि संत सेवी परमहंस जी महाराज की जयंती मनायी गयी. अध्यक्षता समिति के उपाध्यक्ष रामप्रीत तांती ने की. वरिष्ठ महात्मा स्वामी नरेंद्र बाबा ने कहा कि संत सेवी जी महाराज सद्गुरु महर्षि मेंही के प्रधान शिष्य व उत्तराधिकारी थे. उन्होंने गुरु महाराज की सेवा […]
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