जयंती पर याद किये गये पार्श्वगायक मो. रफी

शिक्षाविद् मालवीय एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल को किया स्मरण फोटो संख्या : 2फोटो कैप्सन : जयंती पर उपस्थित प्रतिनिधि, मुंगेर अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला शाखा मुंगेर की ओर से गुरुवार को श्रवण बाजार में पार्श्वगायक मो. रफी की जयंती मनायी गयी. उसकी अध्यक्षता शाखा के जिलाध्यक्ष शिव कुमार रुंगटा ने की. उन्होंने कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2014 11:03 PM

शिक्षाविद् मालवीय एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल को किया स्मरण फोटो संख्या : 2फोटो कैप्सन : जयंती पर उपस्थित प्रतिनिधि, मुंगेर अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला शाखा मुंगेर की ओर से गुरुवार को श्रवण बाजार में पार्श्वगायक मो. रफी की जयंती मनायी गयी. उसकी अध्यक्षता शाखा के जिलाध्यक्ष शिव कुमार रुंगटा ने की. उन्होंने कहा कि मो. रफी अपने गाये 35000 से अधिक गानों में हर मूड के गीत प्रभावशाली बन पड़े है. खास कर विवाह के मौके पर बहारों फूल बरसाओं एवं आज मेरे यार की शादी है गीतों के अबना रस्म पूरी नहीं हो पाती है. भक्ति गीतों में सुख के सब साथी, ओ दुनिया के रखवाले गाया तो भोजपुरी में सोनवा के पिंजरा में गीत गाकर श्रोताओं पर गहरी छाप छोड़ी है. साहित्य परिषद के संरक्षक मघुसूदन आत्मीय ने कहा कि प्ले बैक सिंगर महिलाओं में लता मंगेशकर और पुरुष आवाज में मो. रफी शिखर पर रहे. लगभग तीन दशक में रफी साहब को कोई अन्य पार्श्वगायक छू नहीं सका. इन्होंने हर हीरो के हावभाव के अंदाज में गीत पेश कर उन्हें स्वाभाविक बनाया जो इनकी तथा लता जी की सबसे बड़ी खूबी रही. बालिका नौशाद ने तेरी आंखों के सिवा दुनिया में रखा क्या है गीत गाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. कार्यक्रम के दूसरे सत्र में प्रभु ईसा मसीह, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, शिक्षाविद् पंडित मदन मोहन मालवीय के जन्म जयंती को महान हस्तियों का सुखद संयोग बताते हुए लोगों ने उनके व्यक्तित्व को अनुकरनीय बताया.

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