हिंदुस्तानी मादरी जुबान का हक अदा करें : वली

मुंगेर: शाह जुबैर कैंपस में रविवार को यौम ए उर्दू की ओर से जीवन और उर्दू साहित्य विषय पर उर्दू दिवस समारोह का आयोजन किया गया. उसकी अध्यक्षता शाह मोहम्मद सिद्दीकी ने की. कार्यक्रम के संयोजक डॉ राशीद तराज एवं साहित्यकार मधुसूदन आत्मीय थे. जबकि संचालन डॉ आफताब अहमद कर रहे थे. रहमानी फाउंडेशन के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 12, 2015 10:48 AM

मुंगेर: शाह जुबैर कैंपस में रविवार को यौम ए उर्दू की ओर से जीवन और उर्दू साहित्य विषय पर उर्दू दिवस समारोह का आयोजन किया गया. उसकी अध्यक्षता शाह मोहम्मद सिद्दीकी ने की. कार्यक्रम के संयोजक डॉ राशीद तराज एवं साहित्यकार मधुसूदन आत्मीय थे. जबकि संचालन डॉ आफताब अहमद कर रहे थे.

रहमानी फाउंडेशन के सरपरस्थ हजरत मौलाना वली रहमानी ने इस बात पर काफी खुशी जतायी कि सर्दी के मौसम में उर्दू के इतने दीवाने एक जगह एकत्रित हुए. उन्होंने कहा कि उर्दू की तरक्की इस बात पर निर्भर है कि इस मादरी जुबान के प्रति हम कितना हक अदा करते हैं.

मुख्य संयोजक डॉ राशीद तराज ने कहा कि उर्दू जुबान जिंदा है और मुहब्बत के एहसास के साथ जिंदा रहेगी. मुफ्ती अताउल्लाह बुखारी ने कहा कि बंगला भाषा की बुनियाद पर बने अब बांग्लादेश में भी सबसे ज्यादा उर्दू बोलने वाले हैं. डॉ आफताब अहमद ने कहा कि उर्दू जुबान दुश्वारी और कठिनाइयों को ङोलने की ताकत रखती है. नियाज अहमद जैदी ने उर्दू को दूसरी भाषा बनाने के लिए बिहार भर में निकाले गये जुलूस की चर्चा की. डॉ इकबाल हसन आजाद ने कहा कि उर्दू की कमाई से शानों-शौकत में रहने वाले जब इस जुबान के प्रति नकारात्मक बात करेंगे तो बांकी लोगों की हौसला अफजाई कैसे होगी. इनके अलावे मो. जाैहर, शकील अहमद, मो. रइस, मो. असदुल्लाह, शाहिद रहवर ने विचार व्यक्त किये. संयोजक समिति के मधुसूदन आत्मीय, डॉ राशीद एवं सिद्दीकी साहब ने धन्यवाद दिया.

Next Article

Exit mobile version