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अश्लीलता है पशुता की जननी : रामबहादुर

प्रतिनिधि , जमालपुरसरस्वती विद्या मंदिर नया गांव जमालपुर में शनिवार को विद्यालय परिसर के तत्वावधान में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. पश्चात संस्कृति का दुष्प्रभाव एवं समाधान विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी की अध्यक्षता प्रधानाचार्य वीरेंद्र प्रसाद सिंह ने की. दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन प्रबंधकारिणी समिति के कुमुद कुमार सिन्हा ने किया. प्रधानाचार्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 17, 2015 10:02 PM

प्रतिनिधि , जमालपुरसरस्वती विद्या मंदिर नया गांव जमालपुर में शनिवार को विद्यालय परिसर के तत्वावधान में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. पश्चात संस्कृति का दुष्प्रभाव एवं समाधान विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी की अध्यक्षता प्रधानाचार्य वीरेंद्र प्रसाद सिंह ने की. दीप जलाकर कार्यक्रम का उद्घाटन प्रबंधकारिणी समिति के कुमुद कुमार सिन्हा ने किया. प्रधानाचार्य ने कहा कि भारती संस्कृति एवं शुद्धता की परंपरा विज्ञान और अध्यात्म पर आधारित है. आज हम अपने दैनिक जीवन में इन दोनों का संतुलन नहीं बना पा रहे है. इस संतुलन की उपेक्षा के कारण ही शक्ल विश्व में हम अपनी विशिष्ट लाभ से वंचित हो गये है. उप प्रधानाचार्य रामबहादुर प्रसाद ने कहा कि हमारी संस्कृति हमे अपना शरीर ढ़क कर रखना सीखाती है. क्योंकि नग्नता जहां पशुता का प्रतीक है. वहीं यह अश्लीलता भी फैलाती है. जबकि अश्लीलता ही पशुता की जननी है. प्रबंधकारिणी समिति के रतन कुमार घोष ने कहा कि हमारे जीवन का मूल आधार सादा जीवन उच्च विचार है. जिसको आज की युवा पीढ़ी भुलते जा रही है. आवश्यक हैं कि हम अपने ऋषि-मनीषियों के बताये सिद्धांतों को आत्मसात करें. मौके पर पवन मिश्रा, सिद्धनाथ पांडेय, प्रदीप कुमार, हिमांशु शेखर, शंकर ठाकुर, राजीव रंजन एवं स्वेता गुप्ता सहित विद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे.

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