तारापुर: तारापुर अनुमंडल का पशु अस्पताल एक चिकित्सक के भरोसे संचालित हो रहा है. अस्पताल में मात्र 16 प्रकार की दवाएं उपलब्ध है. चिकित्सक के अभाव में पशुओं का इलाज अनुसेवक द्वारा किया जाता है. इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि तारापुर का पशु अस्पताल का हाल बेहाल है.
अस्पताल में तीन पशुधन सहायक, एक अनुसेवक, एक रात्रि प्रहरी एवं एक भ्रमणशील पशु चिकित्सा पदाधिकारी का पद सृजित है. जबकि एक चिकित्सक के अलावे एक सहायक व एक अनुसेवक कार्यरत हैं. चिकित्सक कहीं चले जाते हैं तो पशुपालक अपने पशु का इलाज नहीं करा पाते. कभी-कभी पशुओं का इलाज अनुसेवक द्वारा कर दिया जाता है. अनुसवेक राम दास का कहना है कि एंटीबायोटिक, कृमि, पतला पैखाना, चमोकन एवं घाव की दवा उपलब्ध है जो अधिकांश पशुओं के लिए जरूरी होती है.
पशुपालकों द्वारा अस्पताल की कुव्यवस्था के कारण अपने पशुओं का इलाज निजी चिकित्सक से ही कराना उचित समझते हैं. पशुओं को गर्भाधान कराने के लिए गांव के सांड़ या बोतू का सहारा लेकर काम चलाते हैं. जबकि पूर्व में अस्पताल में 10 सांड़ एवं 10 बोतू की व्यवस्था थी. लेकिन वर्तमान में यह सुविधा बंद है. सीमेन देने के एवज में 40 रुपये की रसीद दी जाती है. कहते हैं पशु चिकित्सक चिकित्सक डॉ राजहंस सिंह ने बताया कि बजट के अभाव में समुचित दवा उपलब्ध नहीं हो पाता है. अस्पताल के संदर्भ में विभाग के आलाधिकारियों को सूचना दी गयी है.