प्रशंसा के बाद अपनी भावना पर नियंत्रण रखने की जरूरत

प्रतिनिधि , मुंगेर वरिष्ठ माध्यमिक सरस्वती विद्या मंदिर पुरानीगंज के प्रांगण में रविवार को विभागीय बालिका विकास प्रबोधन सह मातृ भारती सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें मुंगेर के सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालय की छात्राओं ने भाग लिया. साथ ही द्वितीय सत्र में मातृ भारती की माताएं सम्मिलित हुई. कार्यक्रम का उद्देश्य बालिकाओं एवं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 8, 2015 10:03 PM

प्रतिनिधि , मुंगेर वरिष्ठ माध्यमिक सरस्वती विद्या मंदिर पुरानीगंज के प्रांगण में रविवार को विभागीय बालिका विकास प्रबोधन सह मातृ भारती सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसमें मुंगेर के सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालय की छात्राओं ने भाग लिया. साथ ही द्वितीय सत्र में मातृ भारती की माताएं सम्मिलित हुई. कार्यक्रम का उद्देश्य बालिकाओं एवं माताओं में शक्ति, संस्कार, स्वाध्याय व सेवा भावना को जागृत करना था. कार्यक्रम का उद्घाटन बालिका शिक्षा संयोजिका रेखा चूड़ासमा ने दीप प्रज्वलित कर किया. उन्होंने कहा कि अपनी परंपरा व रीति-रिवाज के अनुसार ही लोगों को काम करना चाहिए. दिवा, स्वप्न सही और गलत दोनों हो सकते हैं. किशोरावस्था एवं तरुणावस्था में समूह व सहेली के साथ रहने की इच्छा अधिक होती है. लेकिन सहेली का चुनाव ठीक से करें तभी जीवन सफल हो सकता है. क्योंकि यह अवस्था शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक परिवर्तन की होती है. हमें प्रशंसा के बाद भी अपनी भावना पर नियंत्रण रखने की जरूरत है. भारती शिक्षा समिति के प्रदेश सचिव प्रकाश जायसवाल ने कहा कि सुयोग्य माताएं बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. इस मौके पर विद्यालय समिति के अध्यक्ष प्रो. वीरेंद्र पोद्दार, सचिव निर्मल कुमार जालान, राम नरेश पांडेय, सरोज कुमारी, अमरेश कुमार मुख्य रूप से मौजूद थे.

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