नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे बच्चे व युवा

मुंगेर: मुंगेर के चौक-चौराहों पर युवाओं के साथ ही छोटे-छोटे बच्चे नशा के दूसरे साधन सनफिक्स, सुलेशन, गुटखा का जमकर इस्तेमाल कर रहे. शहर का हाल यह है कि गली-कूची व चौक चौराहों पर शराब व पान की दुकान इस तरह खुल चुकी है कि युवाओं की अपेक्षा छोटे-छोटे बच्चे इसके सेवन कर रहे हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2015 10:39 AM
मुंगेर: मुंगेर के चौक-चौराहों पर युवाओं के साथ ही छोटे-छोटे बच्चे नशा के दूसरे साधन सनफिक्स, सुलेशन, गुटखा का जमकर इस्तेमाल कर रहे. शहर का हाल यह है कि गली-कूची व चौक चौराहों पर शराब व पान की दुकान इस तरह खुल चुकी है कि युवाओं की अपेक्षा छोटे-छोटे बच्चे इसके सेवन कर रहे हैं.
नशा के खतरनाक साधन का उपयोग
बच्चे व युवा नशा के इतने गिरफ्त में चले जा रहे कि वे शराब गांजा, भांग के बदले अब पन्नी में सुलेशन व सनफिक्स गम लेकर पंपिंग करते हुए नशा (ड्रक्स) का सेवन कर रहे हैं. रुमाल या छोटे कपड़े में आयोडेक्स, थीनर, व्हाइटनर, गम को डाल कर उपयोग किया जा रहा. शहर के पूरबसराय रेलवे फिल्ड, तीन नंबर गुमटी, आजाद चौक, पेपर चौक सहित अन्य जगहों पर इसका सेवन धड़ल्ले से किया जा रहा है.
बच्चों पर पड़ता है बुरा असर
कहा जाता है कि बच्चे को जिस सांचे में ढाला जाता है बच्चे उसी के अनुकूल ढल जाते हैं. लेकिन जब बड़े ही नशा का सेवन करेंगे तो छोटे-छोटे बच्चे पर क्या असर पड़ेगा. इसलिए बड़े को चाहिए कि वे बच्चों को देखें तो तंबाकू व शराब के सेवन करने से परहेज करें. यदि वे किसी बच्चे को गलत लत करते देखे तो उसे सही रास्ते की ओर जाने के लिए प्रेरित करें.
समाज पर पड़ता है बुरा असर
शराब की लत अपराध की दुनिया में प्रवेश कराने में भी काफी मदद करती है. जिसके कारण लोग अपने आप पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं और व्यक्तियों से र्दुव्‍यवहार करने को उतारू हो जाते हैं. यही कारण है कि हमारे समाज में बच्चों के साथ र्दुव्‍यवहार, बलात्कार, घरेलू हिंसा, महिलाओं को प्रताड़ना आम बात हो गयी है.
स्वास्थ्य पर पड़ता है प्रभाव
चिकित्सक डॉ वाइके दिवाकर ने बताया कि शराब के सेवन से शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा आघात पहुंचता है. जिससे जिगर का सूत्रण रोग, अग्नाशयकाप, मिरगी, बहुतंत्रिकाविकृति, मादक, मनोभ्रंश, हृदय रोग, पोषण की कमी, यौन दुश्क्रिया और कई स्नेतों से होने वाली मौत शामिल हो सकते हैं.

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