आइसीयू से बढ़ेगी अस्पताल की रौनक

मुंगेर: सदर अस्पताल में अब जल्द ही आइसीयू व एसएनसीयू सेवा बहाल हो जायेगी. इन दोनों ही सेवा से जिलेवासियों को काफी राहत मिलेगी. साथ ही गहन चिकित्सा व गंभीर नवजात शिशुओं के इलाज के लिए लोगों को जिले से बाहर नहीं जाना पड़ेगा. इन दोनों सेवा को बहाल करने के लिए अंतिम चरण में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 24, 2015 11:01 AM
मुंगेर: सदर अस्पताल में अब जल्द ही आइसीयू व एसएनसीयू सेवा बहाल हो जायेगी. इन दोनों ही सेवा से जिलेवासियों को काफी राहत मिलेगी. साथ ही गहन चिकित्सा व गंभीर नवजात शिशुओं के इलाज के लिए लोगों को जिले से बाहर नहीं जाना पड़ेगा. इन दोनों सेवा को बहाल करने के लिए अंतिम चरण में कार्य चल रहा है. यूं तो सदर अस्पताल में आइसीयू का निर्माण वर्षो पहले हो चुका है. इसके लिए कई चिकित्सकों को भी प्रशिक्षण दिलाया गया.

किंतु विभागीय उदासीनता के कारण अबतक आइसीयू सेवा बहाल नहीं हो पाया. जिलाधिकारी अमरेंद्र प्रसाद सिंह ने अब आइसीयू सेवा बहाल करने के लिए जिला स्वास्थ्य समिति को कड़े निर्देश दे रहे हैं. जिसके कारण बीते एक सप्ताह से आइसीयू एवं एसएनसीयू भवन में कार्य जोरों पर चल रहा है. वैसे पूर्व से जिलाधिकारी ने इन दोनों सेवा को बहाल करने की तिथि 25 फरवरी तय की थी. किंतु समुचित व्यवस्था अबतक स्थापित नहीं होने के कारण अब यह सेवा 28 फरवरी को चालू की जायेगी.

क्या मिलेगी सुविधाएं
आइसीयू सेवा आरंभ हो जाने के बाद जिलेवासियों को अत्यंत गंभीर रोग जैसे हृदय रोग व कोमा की स्थिति में जिले के बाहर नहीं जाना पड़ेगा. इस तरह के अधिकतम चार मरीजों को आइसीयू में रख कर इलाज किया जा सकेगा. यह सेवा सदर अस्पताल में 24 घंटे उपलब्ध रहेगी. वहीं एसएनसीयू सेवा आरंभ होने के बाद गंभीर नवजात शिशुओं को भी सदर अस्पताल में ही इलाज किया जायेगा.

एसएनसीयू में रेडियेंटर वार्मर, फोटोथेरेपी मशीन, इंक्यूवेटर केयर, सक्शन मशीन व ऑक्सीजन, काउंसेन्ट्रेटर लगाया जा रहा है. इससे थर्मिया रोग से ग्रसित नवजात शिशुओं को एक खास तापमान तक गर्म रखा जायेगा. जाउंडिस से ग्रसित, समय से पहले जन्म लेने वाले एवं कमजोर नवजात शिशुओं के तापमान नियंत्रण के साथ-साथ उसका इलाज भी किया जायेगा. एसएनसीयू में कुल 12 नवजात शिशुओं को रखे जाने की व्यवस्था होगी. जिसमें छह वैसे नवजात को रखा जायेगा जो अस्पताल में जन्म लिया हो एवं छह वैसे नवजात को रखा जायेगा जो रेफर होकर आयेगा.

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