साहब को बिजली व प्रसूता को ताड़ के पंखे का सहारा
मुंगेर: ‘साहब के लिए पंखे की हवा, मरीजों के लिये गरमी की सजा ’ ये बातें इन दिनों सदर अस्पताल में चरितार्थ हो रही है. जहां अस्पताल के साहब लोग तो मजे से पंखे की हवा में अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. किंतु विभिन्न वार्डो में भरती मरीजों को गरमी की सजा भुगतने के लिए […]
मुंगेर: ‘साहब के लिए पंखे की हवा, मरीजों के लिये गरमी की सजा ’ ये बातें इन दिनों सदर अस्पताल में चरितार्थ हो रही है. जहां अस्पताल के साहब लोग तो मजे से पंखे की हवा में अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. किंतु विभिन्न वार्डो में भरती मरीजों को गरमी की सजा भुगतने के लिए छोड़ दिया गया है.
आये दिन सदर अस्पताल में यह देखने को मिलता है कि कई ऐसी मूलभूत सुविधाएं हैं जिन पर अस्पताल प्रबंधन बिल्कुल बेपरवाह बनी रहती है. जब उन समस्याओं को बार- बार सुर्खियों में लाया जाता है तब जाकर उसका निदान किया जाता है. हैरत की बात यह है कि अस्पताल में अक्सर ऐसी स्थिति बनी ही रहती है. जबकि इसकी जिम्मेदारी के लिए सरकार पदाधिकारियों पर भी लाखों खर्च करती है. फिर भी उन्हें यह बताना पड़ता है कि अस्पताल में कहां-कहां कौन-कौन सी समस्याएं हैं.
गरमी में मरीजों का बुरा हाल
वैसे तो मरीजों की सुविधा के लिए अस्पताल में लाखों रुपये खर्च कर दर्जनों पंखे लगाये गये हैं. किंतु उनमें से कई पंखे ने जवाब दे दिया है और कई पंखे महीनों से मरम्मत का बाट जोह रहा है. कई जगहों पर तो पंखे का पता ही नहीं है. अस्पताल के प्रसव वार्ड में प्रसूता व गर्भवती महिलाओं के लिए दो कमरा है. एक कमरे में चार पंखे की जगह मात्र दो पंखा लगा हुआ है. वहीं दूसरे कमरे में एक भी पंखा लगा हुआ नहीं है. पंखे के अभाव में यहां भरती मरीजों को खासे परेशानियों का सामना करना पड़ता है. फरदा निवासी प्रियंका देवी, मिर्जापुर बरदह निवासी ईशा परवीन, छोटी मिर्जापुर निवासी शबनम देवी एवं परहम निवासी किरण देवी ने बताया कि वार्ड में पंखा नहीं रहने के कारण गरमी से बुरा हाल हो गया है. अधिक परेशानी बढ़ जाने के कारण बाजार से हाथ वाला पंखा खरीद कर मंगवाना पड़ा.
जहां का पंखा खुला हुआ है, उसे मरम्मती के लिये भेजा गया है. जो भी पंखे विभिन्न वार्डो में खराब पड़े हुए हैं, उसे भी मरम्मती के लिये भेजा जायेगा.
मो तौशिफ हसनैन , अस्पताल प्रबंधक