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भूकंप में 21 लोग घायल, 12 घर ढहा

शनिवार को आयी भूकंप से जहां मुंगेर में दर्जन भर मकान ध्वस्त हो गये. वहीं सैकड़ों की संख्या में भवनों में दरारें आ गयी. इस दौरान 21 लोग घायल हो गये. जिसमें तीन की स्थिति काफी गंभीर है. एक महिला को जहां हर्ट अटैक हो गया. वहीं कई लोगों ने छत से ही छलांग लगा […]

शनिवार को आयी भूकंप से जहां मुंगेर में दर्जन भर मकान ध्वस्त हो गये. वहीं सैकड़ों की संख्या में भवनों में दरारें आ गयी. इस दौरान 21 लोग घायल हो गये. जिसमें तीन की स्थिति काफी गंभीर है. एक महिला को जहां हर्ट अटैक हो गया. वहीं कई लोगों ने छत से ही छलांग लगा दी. भूकंप के कारण मुंगेर के लाल दरवाजा, पूरबसराय, तोपखाना बाजार, श्रवण बाजार, अंबे चौक, लाल दरवाजा सहित टेटियाबंबर प्रखंड के तुलसीपुर, बेलहातोड़ व लोढ़िया गांव में दर्जन भर मकान गिर गये. जबकि सौ से अधिक मकानों में दरारें आ गयी है. कई मकान के छज्जे गिरे तो कई के रेलिंग. भूकंप के दौरान शहर में भगदड़ मच गयी और लोग जान बचाकर भागने लगे. डीएम व एसपी भी समाहरणालय में मीटिंग के दौरान कार्यालय से बाहर निकल कर मैदान में आ गये. कार्यालयों में सन्नाटा छा गयी.
मुंगेर: भूकंप के लगातार झटकों के कारण लोगों ने दहशत में दिन गुजारा. लोगों में भूकंप का दहशत इस कदर व्याप्त था कि लोग घर में घुसने से भी परहेज कर रहे थे. लोग घर के ऊपरी मंजिल को छोड़ कर निचले मकान में बसेरा डाले रहे. भूकंप के झटकों से मुंगेर जिले में जहां दर्जन भर मकान ध्वस्त व क्षतिग्रस्त हो गये. वहीं सैकड़ों मकानों में दरारें आ गयी. सरकारी कार्यालयों एवं भवन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं.
पहला झटका रहा असरदार
पहला झटका पूर्वाह्न् 11:40 बजे आया जो काफी असरदार रहा. लोगों ने पहली बार एहसास किया कि भूकंप कैसा होता है. पहला झटका डेढ़ से दो मिनट का महसूस किया गया. उसके बाद जो भी झटका आया वह कुछ सेकेंड का ही रहा.
दहशत में गुजारी दिन
लगातार भूकंप के झटकों के कारण लोगों में दहशत का माहौल बना रहा. जिसके कारण न तो लोगों को खाना धंस रहा था और न ही नींद आ रही थी. दहशत का आलम यह था कि लोग घर में प्रवेश करने से भी परहेज कर रहे थे. सबसे अधिक परेशानी शहरी क्षेत्र के लोगों को हो रही थी. क्योंकि सड़कों के ऊपर दौड़ती नंगी विद्युत तार, बड़े-बड़े भवन एवं बिना भूकंप रोधी मकान है जो लोगों को दहशत के साये में रखे रहा. भूकंप का पहला झटका जब आया तो जो लोग जहां थे वहीं खड़े हो गये. यहां तक कि जान बचाने के लिए लोग घर से निकल कर खुले मैदान की और दौड़ने लगे. बच्चे, महिला, लड़कियां, बड़े-बुजुर्ग सभी जान बचाने के लिए घर से निकल गये. सड़क पर मेला सा नजारा लगा रहा. शहर के आजाद चौक, भगत सिंह चौक, राजीव गांधी चौक, पंडित दीन दयाल चौक, आंबेडकर चौक, नीलम चौक, पूरबसराय रेलवे मैदान में लोग जमा थे. सभी एक ही बात कर रहे थे कि आखिर कितना देर तक भूकंप रहेगा. यू तो सरकारी विद्यालयों में बच्चे नहीं के बराबर ही था. लेकिन प्राइवेट विद्यालय के मैदान में बच्चों को क्लास रूम से बाहर निकाल कर रखा गया. बच्चों ने खुद एहसास किया कि भूकंप कैसा होता है.

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