अधिकतम तीन मंजिला मकान बनाना ही है वैध, पास नहीं होता नक्शा बना रहे हैं बहुमंजिली इमारत
जमालपुर: जमालपुर नगर परिषद क्षेत्र में भवन निर्माण के मानकों का पालन नहीं हो रहा. शहर में बिना नगर परिषद से नक्शा पास कराये ही बहुमंजिली इमारतें बनायी जा रही है. यह शहर चौथे श्रेणी के तहत है. जहां अधिकतम तीन मंजिला मकान ही बनाया जा सकता है. बावजूद नगर परिषद प्रशासन या जिला प्रशासन […]
जमालपुर: जमालपुर नगर परिषद क्षेत्र में भवन निर्माण के मानकों का पालन नहीं हो रहा. शहर में बिना नगर परिषद से नक्शा पास कराये ही बहुमंजिली इमारतें बनायी जा रही है. यह शहर चौथे श्रेणी के तहत है. जहां अधिकतम तीन मंजिला मकान ही बनाया जा सकता है. बावजूद नगर परिषद प्रशासन या जिला प्रशासन का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.
चौथे श्रेणी में है नगर परिषद. जमालपुर नगर परिषद को नगर विकास विभाग द्वारा चौथे श्रेणी का दर्जा दिया गया है. इसके तहत शहरी क्षेत्र में नये निर्माण के लिए जहां मकान बनाने वालों को नगर परिषद से नक्शा पास कराना आवश्यक घोषित कर दिया गया है. वहीं नक्शा पास करने के लिए भी नगर परिषद के अधिकारों को भी वर्णित किया गया है. इसके तहत सड़कों की चौड़ाई के आधार पर ही भवन की ऊंचाई तय कर दी गई है. जबकि जमालपुर शहर में तीन मंजिल से अधिक ऊंची भवन का निर्माण नहीं किया जा सकता.
दूसरों के लिए घातक बनी इमारत. वर्तमान में शहर की सकरी गलियों की दोनों ओर दो से तीन मंजिल इमारतों का निर्माण किया गया है, जो भूकंप जैसे आपदा में पड़ोसियों के लिए भी चिंता का कारण बन जाता है. शहर के कई लोगों ने ऐसे अंधाधुंध निर्माण पर रोक लगाने की मांग की है.
कहते हैं वार्ड पार्षद. वार्ड पार्षद गौतम आजाद ने कहा कि नगर परिषद केवल होल्डिंग टैक्स वसूल कर रही है. लेकिन नागरिक हित में अपनी दायित्वों का निर्वहन नहीं कर रही. शहर में गलत तरीके से भवनों का निर्माण किया जा रहा है. जिससे आपदा के समय भारी तबाही की संभावना बनी रहती है.
कहती है उपमुख्य पार्षद. उप मुख्य पार्षद सत्यवती देवी ने कहा कि मनमाने रूप से पूरे शहर में भवनों का निर्माण किया जा रहा है. जिसमें न तो भूकंप जैसे प्रकृति आपदा से बचने के तकनीक का इस्तेमाल हो रहा और न ही अन्य कानूनों की कोई रूपरेखा तय हो रही. फलत: नगर परिषद को भी नुकसान हो रहा है.