कहीं हो रही पानी की किल्लत तो कहीं हो रहा बरबाद

फोटो संख्या : 2,3फोटो कैप्सन : नाले में घुस कर प्यास बुझा रही बच्ची एवं प्याऊ पर बरबाद हो रहा पानी प्रतिनिधि , मुंगेरएक ओर जहां इस तपिश भरी गरमी में लोग पानी की किल्लत झेलने को विवश हैं. वहीं दूसरी ओर बेपरवाह लोग पानी की कीमत को नहीं समझ रहे. कोई अपनी प्यास बुझाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 9, 2015 6:04 PM

फोटो संख्या : 2,3फोटो कैप्सन : नाले में घुस कर प्यास बुझा रही बच्ची एवं प्याऊ पर बरबाद हो रहा पानी प्रतिनिधि , मुंगेरएक ओर जहां इस तपिश भरी गरमी में लोग पानी की किल्लत झेलने को विवश हैं. वहीं दूसरी ओर बेपरवाह लोग पानी की कीमत को नहीं समझ रहे. कोई अपनी प्यास बुझाने के लिए गंगा नदी की ओर आते हैं तो कोई पीने के पानी के साथ खिलवाड़ करता है. पानी के बरबादी का यदि यही सिलसिला रहा तो वह दिन दूर नहीं जब लोग एक घूंट पानी के लिये तरसेंगे. जेठ का महीना प्रारंभ होते ही चिलचिलाती धूप परवान चढ़ने लगती है. जिसके कारण जल का स्तर भी नीचे जा रहा है. हाल यह है कि दर्जनों चापाकल हांफने लगे हैं. कइयों ने तो दम तोड़ दिया है. ऐसी स्थिति में पानी का किल्लत होना स्वाभाविक है. शनिवार को किला गेट के उत्तरी छोड़ के समीप बने प्याऊ पर कुछ मनचले युवक सभी नलों को खोल कर घंटे भर से स्नान करने में मशगूल थे. इतना ही नहीं प्याऊ के उपर लगे टंकी में पानी भर जाने के कारण ओवर फ्लो हो रहा था. किंतु वहां मौजूद लोगों को पानी बरबादी की कोई चिंता नहीं थी. थोड़ी दूर आगे जाने के बाद देखने को मिला कि एक बच्ची पानी पीने के लिए एक नाले में घुसी हुई थी. वहां से गुजरे हुए सप्लाई वाटर के पाइप से रिस रहे पानी से वह अपनी प्यास बुझा रही थी. दोनों ही स्थिति को देख कर ऐसा लगा कि यदि अभी से जल की बरबादी को नहीं रोका जायेगा तो आगे गंभीर संकट उत्पन्न होने वाली है.

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