खटारा वाहन से होती है संग्रामपुर क्षेत्र में गश्ती

धक्का मार कर वाहन को किया जाता है स्टार्ट फोटो संख्या : 13फोटो कैप्सन : जीप को धक्का मारे पुलिस जवान प्रतिनिधि , संग्रामपुरएक तरफ अपराधी आधुनिक प्रणाली से लैस हो रहे हैं वहीं संवेदनशील क्षेत्र के थानों पर आज भी पुलिस संसाधन विहीन बनी हुई है. ऐसी ही हालत संग्रामपुर थाना पुलिस की है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 17, 2015 10:04 PM

धक्का मार कर वाहन को किया जाता है स्टार्ट फोटो संख्या : 13फोटो कैप्सन : जीप को धक्का मारे पुलिस जवान प्रतिनिधि , संग्रामपुरएक तरफ अपराधी आधुनिक प्रणाली से लैस हो रहे हैं वहीं संवेदनशील क्षेत्र के थानों पर आज भी पुलिस संसाधन विहीन बनी हुई है. ऐसी ही हालत संग्रामपुर थाना पुलिस की है. आज भी वाहन को धक्का लगाया जाता है.पहले तो यह थाना लंबे समय तक किराये के खपरैल मकान में था. जिसे 10 वर्ष पूर्व एक बहुत बड़ा भवन बैठे-बिठाये मिल गया. अभी इस थाने का आधुनिक मॉडल थाना भवन का निर्माण कराया जा रहा है. सबसे बुरी स्थिति संग्रामपुर थाने की जीप की है. यह अक्सर धोखा देती है. कभी बैटरी खराब तो कभी सेल्फ खराब. गति इतनी मंथर की ट्रैक्टर का भी पीछा करना मुश्किल हो जाता है. कभी-कभी तो रात में गश्ती के दौरान ही धोखा दे जाती है. ऐसे में जवान राइफल हाथ में लिये जीप को धक्का लगाते-लगाते परेशान हो जाते हैं. विदित हो कि संग्रामपुर थाना क्षेत्र का कुछ भाग नक्सल प्रभावित है. वर्ष 2009 में यहां प्रखंड कार्यालय भवन को नक्सलियों ने ध्वस्त कर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करायी थी. उस समय पुलिस के वरीय पदाधिकारियों ने थाने को आधुनिक सुविधा युक्त बनाने का वायदा किया था जो आज भी अधूरा है. कहते हैं थानाध्यक्ष थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार ने बताया कि रात्रि में इस वाहन से गश्ती करना खतरे से भरा है. फिर भी हमारे जवान जान जोखिम में डालकर गश्ती करते रहते हैं. कहते हैं डीएसपी डीएसपी तारापुर राजवंश सिंह ने बताया कि संग्रामपुर थाने की बदहाल जीप के संबंध में वरीय पदाधिकारियों को सूचना दिया गया है. जल्द ही थाने को नया वाहन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है.

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