प्रतिनिधि, मुंगेरराज्य में ध्वस्त हो चुकी शिक्षा व्यवस्था को ठीक कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लागू किया जाय. इसके लिए जरूरी है कि शिक्षा विभाग को बेकार के प्रयोग करने वाली प्रयोगशाला को अविलंब बंद किया जाय. ये बातें अखिल भारतीय प्रारंभिक शिक्षक महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव नवल किशोर प्रसाद सिंह ने कही. उन्होंने कहा कि तमाम रिक्त पदों पर (बंगला, मदरसा ) अविलंब भरती की जाय. शिक्षा के निजीकरण, व्यवसायीकरण पर रोक लगायी जाय और विद्यालय समय वृद्धि को वापस लिया जाय. विभाग ने आगामी शैक्षिक सत्र से विद्यालय अवधि में वृद्धि करने का निर्णय लिया है. जो बिल्कुल ही अव्यावहारिक, असंगत, अनुचित तथा बाल-मनोविज्ञान के विपरीत है. यह नियम शिक्षा अधिकार कानून में निर्धारित समय सीमा का भी उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि लंबे दिनों तक चले नियोजित शिक्षकों को आजतक नियमित वेतनमान तथा वेतन वृद्धि का लाभ नहीं दिया गया जो न्यायोचित नहीं है. संविधान प्रदत्त समानता के अधिकार का हनन है. यह कैसी विडंबना है कि नियमित शिक्षकों और नियोजित शिक्षकों के वेतन मे भारी विसंगति है और नियोजित शिक्षकों को आर्थिक क्षति उठानी पर रही है. शिक्षकों को अविलंब बीएलओ कार्य से मुक्त किया जाय. तभी शिक्षा का स्तर सुधरेगा.
बेकार के प्रयोग को बंद करे शिक्षा विभाग : नवल
प्रतिनिधि, मुंगेरराज्य में ध्वस्त हो चुकी शिक्षा व्यवस्था को ठीक कर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा लागू किया जाय. इसके लिए जरूरी है कि शिक्षा विभाग को बेकार के प्रयोग करने वाली प्रयोगशाला को अविलंब बंद किया जाय. ये बातें अखिल भारतीय प्रारंभिक शिक्षक महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव नवल किशोर प्रसाद सिंह ने कही. उन्होंने कहा कि तमाम […]
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