नगर निगम : कचरे पर बसती है शहर की आबादी

मुंगेर: शहर के आबादी वाले इलाकों में नियमित रूप से कूड़ों का उठाव नहीं होता है. महीनों तक कूड़े का ढेर यूं ही पड़ा रहता है. यहां तक कि कूड़े के उठाव में क्षेत्र के वार्ड पार्षद भी हाथ खड़ा कर देते हैं. शहर के वार्ड संख्या 42 महद्दीपुर में महीनों बाद कूड़े का उठाव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 25, 2015 12:48 AM
मुंगेर: शहर के आबादी वाले इलाकों में नियमित रूप से कूड़ों का उठाव नहीं होता है. महीनों तक कूड़े का ढेर यूं ही पड़ा रहता है. यहां तक कि कूड़े के उठाव में क्षेत्र के वार्ड पार्षद भी हाथ खड़ा कर देते हैं. शहर के वार्ड संख्या 42 महद्दीपुर में महीनों बाद कूड़े का उठाव होता है. वार्ड नंबर 9 के मोगल बाजार डोमनिया रोड में बीच सड़क पर ही कूड़े का ढेर लगा रहता है. इसी प्रकार शहर के श्रवण बाजार का नंदकुमार पार्क का द्वार तो जैसे नगर निगम का डंपिंग यार्ड हो.

वार्ड नंबर 8 के मोगल बाजार डीएन रोड, सुभाष चौक आइटीसी रोड, जेड़बेहरा एवं वासुदेवपुर ओपी के समीप भी बीच सड़क पर कूड़ा फैला है. इतना ही नहीं वार्ड नंबर 17 रायसर रोड में समर्पण अस्पताल के समीप एवं शहर के मकससपुर, खानकाह रोड एवं बड़ा बाजार में भी मुख्य सड़क के किनारे कूड़े का ढेर लगा है.

वार्डो में नहीं होता कूड़ों का उठाव
वार्ड नंबर 9 मोगल बाजार निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक जनार्दन झा का कहना है कि सफाई तो होती ही नहीं है. दो-तीन माह में कूड़े का उठाव होता है. जबकि वार्ड नंबर 17 निवासी राजीव कुमार एवं प्रिंस कुमार ने बताया कि कूड़े का उठाव तो होता ही नहीं है. कूड़ा बीच सड़क पर इस तरह फैला रहता है कि दिन भर लोगों को कूड़े से होकर गुजरना होता है. इतना ही नहीं विचरन करने वाले पशु भी भोजन की तलाश में कूड़े-कचरे को बीच सड़क पर फैला देते हैं.
सफाई मजदूर की कमी रहने के कारण समय पर कूड़ा उठाव नहीं हो पाता है. इसकी जानकारी निगम प्रशासन को दी जाती है बावजूद सफाई व्यवस्था में कोई ध्यान नहीं दिया जाता. निगम प्रशासन द्वारा जनप्रतिनिधियों को बदनाम करने की साजिश है.
नीलू सिंह, पार्षद , वार्ड नंबर नौ

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