अवैध हथियार व जाली नोट का केंद्र बना मुंगेर

मुंगेर :भारतीय अर्थव्यवस्था को तहस-नहस करने के लिए आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन ने हथियार के बदले जाली नोटों को नेपाल व बांग्लादेश के सीमावर्ती क्षेत्रों सहित पूर्व बिहार में अपना बाजार बनाया है. पूर्व में भी दो जुलाई 2013 को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बरदह गांव में छापामार कर पुलिस ने 3.75 लाख रुपये जाली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 5, 2015 4:49 AM

मुंगेर :भारतीय अर्थव्यवस्था को तहस-नहस करने के लिए आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन ने हथियार के बदले जाली नोटों को नेपाल व बांग्लादेश के सीमावर्ती क्षेत्रों सहित पूर्व बिहार में अपना बाजार बनाया है. पूर्व में भी दो जुलाई 2013 को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बरदह गांव में छापामार कर पुलिस ने 3.75 लाख रुपये जाली नोट बरामद की थी जो बरदह गांव के मो नौशाद उर्फ नसिया का ही था. पुन: इसी गांव से दो साल बाद दिल्ली के नेटवर्क के सहारे एक लाख रुपये जाली नोट बरामद किया गया है.

जो यह प्रमाणित करता है कि किस प्रकार भारतीय बाजार में जाली नोटों को खपाया जा रहा है. वर्ष 2013 में ही एसटीएफ की टीम ने पश्चिम बंगाल के दो युवकों को जाली नोट के साथ जमालपुर में पकड़ा था. अब जबकि मो. नसिया जाली नोट के साथ गिरफ्तार किया गया है तो पुलिस उससे पूरे नेटवर्क की जानकारी प्राप्त करने का प्रयास कर रही है. मुंगेर के पुलिस अधीक्षक वरुण कुमार सिन्हा का भी मानना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने के लिए जाली नोटों को भारतीय बाजार में उतारा जा रहा है.उन्होंने यह भी बताया कि पूर्वोत्तर भारत में इसका केंद्र पश्चिम बंगाल के मालदह जिला है.

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