खतरे के निशान से मात्र डेढ़ मीटर नीचे है गंगा
मुंगेर : उफनाती गंगा ने एक बार फिर से दियारा वासियों की परेशानी बढ़ा दिया है. लगातार गंगा का जल स्तर बढ़ते ही जा रहा है. संभावनाएं जतायी जा रही है कि इस बार फिर से वर्ष 2013 में आयी प्रलयकारी बाढ़ की पुनरावृत्ति हो सकती है. मुंगेर में गंगा का जल स्तर खतरा के […]
मुंगेर : उफनाती गंगा ने एक बार फिर से दियारा वासियों की परेशानी बढ़ा दिया है. लगातार गंगा का जल स्तर बढ़ते ही जा रहा है. संभावनाएं जतायी जा रही है कि इस बार फिर से वर्ष 2013 में आयी प्रलयकारी बाढ़ की पुनरावृत्ति हो सकती है. मुंगेर में गंगा का जल स्तर खतरा के निशान से अब मात्र डेढ़ मीटर ही नीचे रह गया है.
बावजूद निचले इलाके में अब तक हजारों एकड़ फसल बाढ़ के पानी में डूब चुका है.दो तरफा मार से त्रस्त है निचला इलाका : एक ओर जहां मूसलाधार बारिश ने: निचले इलाके को पानी-पानी कर दिया है. वहीं दूसरी ओर गंगा के बढ़ते जल स्तर ने दियारा वासियों की बेचैनी बढ़ा दी है.
हालांकि बाढ़ का पनी किसी गांव में अबतक प्रवेश नहीं किया है. किंतु हजारों एकड़ भूमि में लगे फसलों को डूबो दिया है. हाल यह है कि किसान बाढ़ के पानी में डूबे फसलों को काट कर अपने मवेशियों को खिलाने पर विवश हैं. केंद्रीय जल आयोग कार्यालय मुंगेर के अनुसार फिलहाल गंगा के जल स्तर में प्रति चार घंटे पर एक सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हो रही है.