क्षणिक लाभ नहीं जनहित के लिए हो वज्ञिान का प्रयोग
क्षणिक लाभ नहीं जनहित के लिए हो विज्ञान का प्रयोग फोटो संख्या : 4फोटो कैप्सन : स्कूली बच्चों द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी प्रतिनिधि , मुंगेरवरिष्ठ माध्यमिक सरस्वती विद्या मंदिर, पुरानीगंज में बुधवार को प्रांतीय ज्ञान-विज्ञान मेला का आयोजन किया गया. उसका उद्घाटन क्षेत्रीय संगठन मंत्री दिवाकर घोष, क्षेत्रीय मंत्री कमल किशोर सिन्हा, सह सचिव प्रकाश […]
क्षणिक लाभ नहीं जनहित के लिए हो विज्ञान का प्रयोग फोटो संख्या : 4फोटो कैप्सन : स्कूली बच्चों द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी प्रतिनिधि , मुंगेरवरिष्ठ माध्यमिक सरस्वती विद्या मंदिर, पुरानीगंज में बुधवार को प्रांतीय ज्ञान-विज्ञान मेला का आयोजन किया गया. उसका उद्घाटन क्षेत्रीय संगठन मंत्री दिवाकर घोष, क्षेत्रीय मंत्री कमल किशोर सिन्हा, सह सचिव प्रकाश चंद्र जायसवाल, प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष निर्मल कुमार जालान ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया. शिशु वर्ग में विज्ञान प्रदर्श का विषय पक्षियों के आवास, अपने आस-पास की स्वच्छता, ईंधन की बचत, जल के स्रोत एवं उपयोग था. बाल वर्ग में विज्ञान प्रदर्श का विषय चुंबकीय गुणों पर आधारित, फसल उत्पादन एवं प्रबंधन, किशोर वर्ग में धातु कर्म की पुरातन विधियां एवं नवीन विधियां, प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन, तरुण वर्ग में संचार पर आधारित प्रदर्श, औद्योगिक अवशिष्ट का प्रबंधन, गति के नियम पर आधारित प्रदर्श विषय शामिल था. इसमें मुंगेर, भागलपुर, रोहतास, गया, पटना, भोजपुर, नालंदा से चयनित छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. दिवाकर घोष ने कहा कि विज्ञान का प्रयोग क्षणिक लाभ के लिए नहीं बल्कि सदैव जनहित के लिए होना चाहिए. आज इलेक्ट्रॉनिक कचड़े से निकलने वाली किरणें वातावरण को प्रदूषित कर रही है. यह चिंता का विषय है. कोई भी अविष्कार आनेवाले समय के लिए अभिशाप नहीं बल्कि वरदान साबित हो. कमल किशोर सिन्हा ने कहा कि विज्ञान मेला विद्यालय स्तर से अखिल भारतीय स्तर तक मनाया जाता है. विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर प्रयोग से सुखद परिणाम आ सकते है. जो जीवन के लिए मंगलकारी और उपयोग सिद्ध हो सकता है. ज्ञान विज्ञान मेला में विभिन्न प्रतिस्पर्धा में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया. मौके पर प्रो. सत्येंद्र कुमार सिंह, चंदा झा, प्रो. गोपाल चौधरी, प्रो. आरबी लाल सहित अन्य मौजूद थे.