स्कूल पर होगी कार्रवाई, प्रिंसिपल भी हटेंगे
पटना/मुंगेर : केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा दे रही है. यहां तक कि सीबीएसइ ने भी बेटियों की पढ़ाई के लिए कई स्पेशल कार्यक्रम चला रखे हैं. एक बेटी पिछले दो साल से आगे की पढ़ाई करने का इंतजार कर रही है, लेकिन अब तक उसे न तो […]
पटना/मुंगेर : केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा दे रही है. यहां तक कि सीबीएसइ ने भी बेटियों की पढ़ाई के लिए कई स्पेशल कार्यक्रम चला रखे हैं.
एक बेटी पिछले दो साल से आगे की पढ़ाई करने का इंतजार कर रही है, लेकिन अब तक उसे न तो 10वीं की मार्क्सशीट मिली, न ही सर्टिफिकेट. न ही माइग्रेशन ही मिल पाया है.
इसकी वजह से आकांक्षा प्रिया 12वीं में नामांकन नहीं ले पायी है. सीबीएसइ विजिलेंस डिपार्टमेंट के पास मामला पहुंचा, तो मुंगेर के डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल पर कार्रवाई करने की तैयारी चल रही है. वहीं दूसरी ओर सिविल कोर्ट ने भी वहां के प्रिंसिपल संजय कुमार अम्बष्ठा पर सीआरपीसी की 420, 504, 506 धारा के तहत कार्रवाई करने का सम्मन जारी किया है. इन तमाम कार्रवाई तो की जा रही है, लेकिन इन सबों के बीच आकांक्षा प्रिया को अब तक रिजल्ट नहीं मिला है.
2014 में 10वीं पास कर चुकी है आकांक्षा प्रिया : आकांक्षा प्रिया ने बताया कि 10वीं बोर्ड की परीक्षा 7.5 सीजीपीए से पास की थी. कॉमर्स लेकर 12वीं की पढ़ाई करना चाहती थी, लेकिन दो साल हो गये,
अब तक 10वीं बोर्ड की मार्क्सशीट, सर्टिफिकेट आैर माइग्रेशन सर्टिफिकेट नहीं मिला, इससे 12वीं में नामांकन अब तक हो पाया है. मुंगेर डीएवी से 2014 में 10वीं बोर्ड पास कर चुकी आकांक्षा प्रिया ने बताया कि 10वीं में 75 फीसदी अटेंडेंस भी था. हर दिन अटेंडेंस भी बनता था. इसके बावजूद लेट अटेंडेंस के नाम पर 500 रुपये स्कूल ने लिया था.
प्रिंसिपल को शो कॉज नोटिस का रिमाइंडर: सीबीएसइ पटना रीजनल आॅफिस की ओर से प्रिंसिपल संजय कुमार अम्बष्ठा काे कई बार अपनी बात रखने को लेकर नोटिस दिया गया है. सीबीएसइ की ओर से 13 जुलाई, 2015 को सीबीएसइ आरओ/
पीटीएन/2015 लेटर जारी किया गया. इसके तहत प्रिंसिपल से जवाब मांगा गया कि स्टू्डेंट को सर्टिफिकेट क्यों नहीं दिया गया. प्रिंसिपल के जवाब नहीं देने के बाद सीबीएसइ रीजनल ऑफिस के असिस्टेंट सेक्रेटरी अरविंद ने फिर रिमाइंडर 15 सितंबर, 2015 को भेजा. इसमें एक सप्ताह का समय दिया गया था. इसके बाद भी उसने जवाब नहीं दिया है.