सड़कों के गड्ढों में गुम हो रहा है सुहाने सफर का सपना राहगीरों की बढ़ी परेशानी
मुंगेर : सदर प्रखंड की दर्जन भर सड़कें जर्जर हो चुकी है. जिसके कारण सड़कों पर चलना मुश्किल भरा हो रहा है. न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें बल्कि राष्ट्रीय उच्च पथ 80 की पूरी तरह गड्ढ़े में तब्दील हो गया है और कई जगह तो लोगों को सड़कों में गड्ढ़े तलाशने पड़ते हैं. दो […]
मुंगेर : सदर प्रखंड की दर्जन भर सड़कें जर्जर हो चुकी है. जिसके कारण सड़कों पर चलना मुश्किल भरा हो रहा है. न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें बल्कि राष्ट्रीय उच्च पथ 80 की पूरी तरह गड्ढ़े में तब्दील हो गया है और कई जगह तो लोगों को सड़कों में गड्ढ़े तलाशने पड़ते हैं.
दो साल में ही टूटी सड़क
कंचनगढ़ बांक के समीप पंगु बाबा काली स्थान से होकर तेलिया पहाड़ होते हुए नंदलालपुर तक जाने वाली सड़क का निर्माण वर्ष 2013 में ही किया गया था जो कई स्थानों पर ध्वस्त हो गया है. बड़े-बड़े ट्रक के चलने से जगह-जगह सड़क में गड्ढ़ा हो गया है और लोगों को इस मार्ग से गुजरने में मुश्किल हो रहा है.
साल भर भी नहीं चला
वर्ष 2013 में ही नयारामनगर थाना के समीप से हरदियाबाद-हसनपुर पथ का पुनर्निर्माण किया गया. पथ का निर्माण कार्य भले ही स्थानीय विधायक के काफी करीबी की निगरानी में किया गया.
किंतु छह माह बीतते- बीतते पथ निर्माण में उपयोग किये रेत हवा के साथ उड़ गये तथा पथ पर पत्थरों के रोड़े बिखर कर राहगीरों को मुंह चिढ़ा रहा है. सड़क निर्माण में इस प्रकार की अनियमितता बरती गयी कि मानो सीमेंट के बदले बालू व गिट्टी से ही सड़क को ढाल दिया गया हो.
रामगढ़ पथ का नहीं हो रहा कायाकल्प
वर्ष 2013 में आयी विनाशकारी बाढ़ में प्रखंड क्षेत्र की कई सड़कें बरबाद हो गयी थी. जिला प्रशासन द्वारा भले ही यह आश्वासन दिया गया था कि बाढ़ की स्थिति सामान्य हो जाने पर बाढ़ से बरबाद हुए सड़कों की मरम्मती करायी जायेगी. किंतु ऐसा नहीं हुआ. जिसका जीता जागता उदाहरण चड़ौन से रामगढ़ जाने वाली सड़क है. दिन में तो राहगीर किसी तरह इस पथ से होकर गुजर जाते हैं. किंतु रात होते ही यह पथ राहगीरों के लिए परेशानियों का सबब बन जाती है.
एनएच 80 भी बदहाल
बात सिर्फ सदर प्रखंड की सड़कों पर ही समाप्त नहीं होती. यहां तो राष्ट्रीय उच्च पथ 80 भी पूरी तरह बदहाल हो चुकी है. जिस पर लग्जरी वाहनों को भी हिचकोले खाने पड़ रहे हैं.
मालूम हो कि हेरुदियारा से हसनगंज तक एनएच की स्थिति काफी बदतर हो चुकी है. यहां बड़े-बड़े गड्ढ़े हैं. यहां तक कि वाहन चालकों को गड्ढ़े में ही सड़क तलाशनी पड़ती है. तेलिया तालाब से लेकर नौवागढ़ी तक की सड़कें इतनी जर्जर हो चुकी है कि आये दिन लोग दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं. बावजूद एनएच डिवीजन द्वारा इस सड़क की मरम्मती तक नहीं की जा रही.
विसर्जन में होगी परेशानी
जर्जर पथ के कारण प्रखंड वासियों को तो परेशानियों का सामना करना ही पर रहा है. आने वालों दिनों में देवी-देवताओं को भी इस परेशानी से गुजरना होगा. दुर्गा पूजा खत्म होते ही उसे विसर्जन के लिए इन्हीं पथों से गंगा तक ले जाना है. जबकि इन पथों से प्रतिमाओं को ले जाना नुकसानदेह हो सकता है. समय रहते यदि जर्जर पथों की मरम्मती कर दी गयी तो फिर कुछ राहत मिल सकता है.