मुंगेर के गंगा घाटों पर पसरा है कूड़ा

मुंगेर : मुंगेर के गंगा घाटों पर गंदगी व कूड़ा-कचड़ा का ढेर लगा है. दुर्गा पूजा के बाद जहां लोगों ने गंगा घाटों पर पूजन सामग्रियों को फेंक कर गंदगी फैला दी है, वहीं दुर्गा प्रतिमाओं के गंगा में विसर्जन के बाद प्रतिमा का बचा अवशेष तट पर गंदगी रूप धारण कर लिया है. इसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2015 9:03 PM

मुंगेर : मुंगेर के गंगा घाटों पर गंदगी व कूड़ा-कचड़ा का ढेर लगा है. दुर्गा पूजा के बाद जहां लोगों ने गंगा घाटों पर पूजन सामग्रियों को फेंक कर गंदगी फैला दी है, वहीं दुर्गा प्रतिमाओं के गंगा में विसर्जन के बाद प्रतिमा का बचा अवशेष तट पर गंदगी रूप धारण कर लिया है. इसे साफ करने में न तो नगर निगम प्रशासन ध्यान दे रही और न ही सामाजिक व स्वयं सेवी संगठन आगे आ रहे.

फलत: मुंगेर के सोझी घाट, बबुआ घाट, कष्टहरणी घाट में गंदगी ही गंदगी नजर आ रही. एक ओर जहां देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नमामी गंगा के माध्यम से गंगा को स्वच्छ व निर्मल बनाने का अभियान चला रखा है.

तो दूसरी ओर स्वच्छता अभियान के माध्यम से लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा. लेकिन मुंगेर शहर तथा गंगा तट की स्थिति इसके विपरीत है. सोझी घाट : दुर्गा पूजा के बाद मुंगेर एवं जमालपुर की सभी देवी दुर्गा की प्रतिमाएं सोझी घाट स्थित गंगा तट पर ही विसर्जित की जाती है.

साथ ही लोग इस घाट पर स्नान, पूजा भी करते है. दुर्गा पूजा के बाद इस घाट पर श्रद्धालुओं द्वारा काफी मात्रा में पूजन सामग्री फेंक दिया गया है. जो कचड़ा बन कर दुर्गंध दे रहा. मुख्य तट के दोनों ओर भारी मात्रा में कचड़ा फैला हुआ है. बबुआ घाट : समाहरणालय से चंद कदम की दूरी पर स्थित बबुआ घाट श्रद्धालुओं का केंद्र बिंदु है.

किंतु इस घाट पर भी कूड़े-कचड़े का ढेर लगा हुआ है. हाल यह है कि रविवार को यहां कूड़े के ढेर में आग लगा दिया गया था. लोग पूजन सामग्री के साथ ही अन्य कचड़ों को भी इन स्थानों पर फेंक रहे है. जिसके कारण गंगा तट गंदगी में तब्दील है. कष्टहरणी घाट : अपने नाम के अनुरूप ही कष्टहरणी घाट श्रद्धालुओं का केंद्र है. उत्तर वाहिनी गंगा के इस तट पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु नर-नारी आते है और किसी विशेष दिवस पर तो यहां मेला जैसा दृश्य रहता है. लेकिन यहां भी चारों ओर कचड़ा ही कचड़ा फैला है. जाहिर है कि यह कचरा यहां आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा ही फैलाया जा रहा. लेकिन इसकी सफाई कौन करेगा यह यक्ष प्रश्न है.

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