अधिकार के बावजूद ग्राम कचहरी में नहीं होती मामलों की सुनवाई

अधिकार के बावजूद ग्राम कचहरी में नहीं होती मामलों की सुनवाई (ग्राम कचहरी का इमेजिंग फोटो लगायें) प्रतिनिधि, तारापुर सरकार ने संविधान में संशोधन कर वर्ष 2005 में ग्राम कचहरी का चुनाव कराया. ताकि ग्रामीण स्तर पर किसी भी प्रकार की परेशानी का हल ग्राम कचहरी के माध्यम से हो और लोगों को उचित न्याय […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2015 9:26 PM

अधिकार के बावजूद ग्राम कचहरी में नहीं होती मामलों की सुनवाई (ग्राम कचहरी का इमेजिंग फोटो लगायें) प्रतिनिधि, तारापुर सरकार ने संविधान में संशोधन कर वर्ष 2005 में ग्राम कचहरी का चुनाव कराया. ताकि ग्रामीण स्तर पर किसी भी प्रकार की परेशानी का हल ग्राम कचहरी के माध्यम से हो और लोगों को उचित न्याय मिले. साथ ही लोगों को न्यायालय का चक्कर और अतिरिक्त पैसे खर्च न करना पड़े. परंतु सरकारी तंत्र की उदासीनता के कारण ग्राम कचहरी को संवैधानिक अधिकार रहने के बावजूद वह पूरी तरह बेकार है. अफजलनगर पंचायत के सरपंच वासुदेव यादव कहते हैं कि जिन मामलों की सुनवाई ग्राम कचहरी के माध्यम से होनी चाहिए वे मामले स्थानीय थाना द्वारा ग्राम कचहरी को नहीं भेजा जाता है. आजतक ग्राम कचहरी में थाना द्वारा मामला भेजा ही नहीं गया है. यहां तक कि ग्राम कचहरी के लिए चौकीदार भी तैनात नहीं किया जाता है और ग्रामीण स्तर पर वादों के निबटाने में पुलिस द्वारा भी कोई प्रयास नहीं किया जाता है. सजुआ पंचायत के न्यायमित्र सह विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष हरेकृष्ण वर्मा का कहना है कि सरकार ने ग्राम कचहरी को सीआरपीसी, आइपीसी एवं पशु अत्याचार अधिनियम के तहत कई प्रकार के अधिकार दिये हैं. पुलिस महानिदेशक बिहार ने भी सभी थानों को छोटे-छोटे मामलों को ग्राम कचहरी को भेजने का आदेश दिया है परंतु थाना द्वारा एक भी मामला ग्राम कचहरी में नहीं भेजा जाता. कोई पीडि़त पक्ष जब कचहरी जाता है तो दूसरा पक्ष थाना चला जाता है. ऐसे मामले को ग्राम कचहरी नहीं भेज कर उसे सीआरपीसी की धारा 107 लगा कर अनुमंडल दंडाधिकारी अथवा कोई अजमानतीय धारा लगा कर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के कोर्ट में भेज देती है. कुल 40 प्रकार की आइपीसी की धारा के तहत ग्राम कचहरी सुनवाई कर सकता है. बेलाडीह के न्यायमित्र वीरेंद्र कुशवाहा ने बताया कि नोटिस का तामिला के लिए चौकीदार भी कचहरी को नहीं दिया जाता है. सरपंच को अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने से ग्राम कचहरी की न्यायिक व्यवस्था पंगु बनी हुई है. कहते हैं थानाध्यक्ष तारापुर थाना के थानाध्यक्ष ब्रजेश कुमार ने कहा कि सरकार का आदेश दो साल पहले ही आया हुआ है कि थानाध्यक्ष, बीडीओ एवं सरपंचों को प्रशिक्षित किया जाय. उन्होंने बताया कि अभी तक कोई भी मामला सरपंच को नहीं भेजा गया है.

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